देहरादून।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राज्य की महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के साथ वर्चुअल संवाद करते हुए एक बड़ा विजन सामने रखा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य की महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ से ‘करोड़पति दीदी’ बनाने के लक्ष्य के साथ मिशन मोड पर कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि मातृशक्ति ही उत्तराखंड की आर्थिक और सामाजिक क्रांति की सबसे बड़ी संवाहक है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने एक महत्वपूर्ण नीतिगत फैसला लेते हुए निर्देश दिए कि राज्य के सभी सरकारी कार्यक्रमों और समारोहों में अब केवल महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए स्मृति चिन्ह, शॉल और अन्य भेंट सामग्री का ही उपयोग किया जाएगा। इस संबंध में जल्द ही शासनादेश जारी किया जाएगा।
अधिकारियों को मिले कड़े निर्देश
मुख्यमंत्री ने सचिवालय से राज्य के विभिन्न विकासखंडों में SHGs से जुड़ी महिलाओं से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याओं और सफलताओं को जाना। उन्होंने जिलाधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए:
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समूहों से जुड़ी सभी महिलाओं को ग्रोथ सेंटरों में प्रशिक्षण दिलाया जाए।
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SHG द्वारा तैयार उत्पादों को राज्य के अंब्रेला ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ से जोड़ा जाए।
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उत्पादों की गुणवत्ता नियंत्रण (Quality Control), पैकेजिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए।
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SHG के उत्पादों को बेचने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने में मदद की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद उत्तराखंड में दूसरी औद्योगिक क्रांति आई है, जिसका लाभ महिला स्वयं सहायता समूहों को भी उठाना चाहिए।
महिलाओं से मांगा सुझाव, जाना हाल
संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने महिलाओं से उनके उत्पादों, लाभ, आय में वृद्धि और बाजार की स्थिति जैसी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने महिलाओं को SHGs के विस्तार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के संबंध में सरकार को सुझाव देने के लिए भी आमंत्रित किया।
उत्तराखंड में SHG आंदोलन की सफलता
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार मातृशक्ति के कल्याण के लिए समर्पित है। “उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन” के तहत आज राज्य में 68 हजार स्वयं सहायता समूहों से लगभग 5 लाख से अधिक महिलाएं जुड़कर संगठित रूप से अपना व्यवसाय कर रही हैं।
उन्होंने “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना” की सफलता का भी उल्लेख किया, जिसके माध्यम से पिछले साल महिलाओं ने 7 करोड़ रुपये से अधिक के उत्पादों की बिक्री की थी। इसके अलावा, ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ और ‘हिलांस’ (Hilans) जैसे ब्रांडों के माध्यम से इन उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई जा रही है।
स्वदेशी अपनाने का आग्रह
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान का जिक्र करते हुए सभी से स्वदेशी उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करने का आग्रह किया। बैठक में प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, अपर सचिव झरना कमठान सहित सभी जिलों के जिलाधिकारी और 95 विकासखंडों से विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूह वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।