Uttarakhand: उत्तराखंड में भारी बारिश का रेड अलर्ट- सचिव आपदा प्रबंधन बोले- 24 घंटे अलर्ट पर रहें क्विक रिस्पांस टीमें

देहरादून। उत्तराखंड में मौसम विभाग द्वारा जारी भारी बारिश की चेतावनी के बाद आपदा प्रबंधन तंत्र पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है। सोमवार को आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव श्री विनोद कुमार सुमन ने एक समीक्षा बैठक कर सभी जिलाधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने टिहरी, देहरादून, पौड़ी और बागेश्वर के लिए ‘रेड अलर्ट’ तथा हरिद्वार, नैनीताल और चंपावत के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जिसे देखते हुए किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सचिव सुमन ने सभी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों और क्विक रिस्पांस टीमों (QRT) को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी रहनी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से नदियों के जलस्तर की लगातार निगरानी करने और लोगों को नदी किनारे जाने से सख्ती से रोकने के निर्देश दिए। साथ ही, जलभराव की स्थिति में त्वरित जल निकासी और निर्माण स्थलों पर काम कर रहे श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा।

बैठक में सड़कों और राजमार्गों की स्थिति पर भी चर्चा हुई। सचिव ने निर्देश दिया कि सभी अवरुद्ध मार्गों को जल्द से जल्द खोला जाए और जनता को लगातार अपडेट दिया जाए ताकि वे अपनी यात्रा की योजना बना सकें। उन्होंने पावर हाउसों की विशेष निगरानी करने और पानी भरने की आशंका होने पर जन-धन की हानि रोकने के लिए समय रहते बिजली आपूर्ति बंद करने के निर्देश दिए। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया कि प्रभावित क्षेत्रों में राशन, दवा और पेयजल जैसी आवश्यक सेवाओं की कोई कमी न हो।

सचिव ने कहा कि पानी के बहाव को रोकने वाली सभी संरचनाओं को तत्काल हटाया जाना चाहिए और यह भी विश्लेषण किया जाना चाहिए कि किस स्तर की बारिश पर किन क्षेत्रों में बाढ़ या जलभराव हो सकता है, ताकि अग्रिम कार्ययोजना बनाई जा सके।

आम जनता के लिए USDMA की अपील:

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्य के नागरिकों से विशेष अपील की है:

  • मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों को पूरी गंभीरता से लें।

  • किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और केवल प्रशासन द्वारा जारी आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें।

  • नदी किनारे, जलभराव वाले क्षेत्रों में न जाएं और अनावश्यक यात्रा से बचें।

  • भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सावधानी से वाहन चलाएं।

  • किसी भी आपात स्थिति में 112, 1070, या 1077 पर संपर्क करें।

  • तेज बहाव वाले बरसाती नालों को पार करने का जोखिम न लें।

बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप, डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी सहित यूएसडीएमए के अन्य विशेषज्ञ और अधिकारी उपस्थित थे।

 

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