Uttarakhand: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला- पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य गिरफ्तार, जन्मदिन पर ईडी की कार्रवाई से सियासत गरमाई – The Hill News

Uttarakhand: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला- पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य गिरफ्तार, जन्मदिन पर ईडी की कार्रवाई से सियासत गरमाई

नई दिल्ली/रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद ईडी ने चैतन्य को रायपुर की एक अदालत में पेश किया। इस घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल ला दिया है, खासकर इसलिए क्योंकि यह कार्रवाई चैतन्य के जन्मदिन के दिन और राज्य विधानसभा सत्र के आखिरी दिन हुई।

ईडी की इस कार्रवाई की खबर मिलते ही कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मच गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत समेत कांग्रेस के कई विधायक और वरिष्ठ नेता रायपुर जिला कोर्ट पहुँच गए। इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने विधानसभा सत्र के अंतिम दिन सदन से वॉकआउट कर दिया, जिससे राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया।

इससे पहले, शुक्रवार सुबह ही ईडी की एक टीम ने भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर छापा मारा था। पूर्व मुख्यमंत्री ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए लिखा, “‘ED’ आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठाना था। भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ED भेज दी है।”

भूपेश बघेल ने अपने बेटे के जन्मदिन पर हुई इस कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा व्यंग्य किया। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा, “जन्मदिन का जैसा तोहफ़ा मोदी और शाह जी देते हैं वैसा दुनिया के किसी लोकतंत्र में और कोई नहीं दे सकता। मेरे जन्मदिन पर दोनों परम आदरणीय नेताओं ने मेरे सलाहकार और दो ओएसडी के घरों पर ईडी भेजी थी। और अब मेरे बेटे चैतन्य के जन्मदिन पर मेरे घर पर ईडी की टीम छापामारी कर रही है। इन तोहफों का धन्यवाद। ताउम्र याद रहेगा।”

क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?

ईडी के अनुसार, यह कथित घोटाला फरवरी 2019 में शुरू हुआ था, जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। आरोप है कि एक संगठित सिंडिकेट द्वारा राज्य में अवैध शराब की बिक्री की गई। जांच में सामने आया है कि शुरुआत में डिस्टिलरी से हर महीने 800 पेटी शराब अवैध रूप से निकालकर 200 ट्रकों के माध्यम से बेची जाती थी। बाद में इस ऑपरेशन का विस्तार हुआ और हर महीने 400 ट्रकों के जरिए अवैध शराब की आपूर्ति की जाने लगी।

आरोप है कि केवल तीन वर्षों के भीतर ही 60 लाख से अधिक पेटी शराब अवैध रूप से बेची गई, जिससे लगभग 2,174.60 करोड़ रुपये का अवैध राजस्व अर्जित किया गया। ईडी इसी मनी लॉन्ड्रिंग के तार खंगाल रही है और इस मामले में अब तक कई गिरफ्तारियां कर चुकी है। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को इस जांच की एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है।

 

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