मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मोतिहारी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने रेलवे, सड़क, मत्स्य, ग्रामीण विकास और सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। साथ ही, उन्होंने चार नई अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने बिहार के गौरवशाली अतीत को याद करते हुए इसके उज्ज्वल भविष्य की नींव रखने का संकल्प व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने चंपारण की धरती को नमन करते हुए कहा, “यह वही भूमि है जिसने गांधीजी को महात्मा बनाया और आजादी की लड़ाई को नई दिशा दी। अब यही धरती विकसित बिहार का नया भविष्य बनाएगी।” उन्होंने कहा कि आज उद्घाटन और शिलान्यास की गई परियोजनाएं इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पूर्वी भारत के विकास पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि जैसे पश्चिमी देशों के बाद अब पूरब का दबदबा बढ़ रहा है, वैसे ही भारत में भी अब पूर्वी राज्यों के विकास का समय आ गया है। उन्होंने एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए कहा, “हमारा संकल्प है कि जैसे पश्चिमी भारत में मुंबई है, वैसे ही पूरब में मोतिहारी का नाम हो। जैसे अवसर गुरुग्राम में हैं, वैसा ही विकास गयाजी में हो, और पुणे की तरह पटना आगे बढ़े।”
केंद्र और राज्य में एनडीए की “डबल इंजन” सरकार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आज बिहार में तेजी से काम इसलिए हो रहा है क्योंकि यहाँ बिहार के लिए काम करने वाली सरकार है। उन्होंने पिछली यूपीए सरकार पर नीतीश कुमार की सरकार से “बदला लेने” का आरोप लगाया और कहा कि 2014 के बाद उनकी सरकार ने इस नीति को समाप्त कर बिहार के बजट को कई गुना बढ़ाया।
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम आवास योजना के तहत देश में चार करोड़ से अधिक घर बने हैं, जिनमें से सात लाख घर अकेले बिहार में हैं। उन्होंने कहा कि आज मोतिहारी में 12 हजार से अधिक परिवारों ने गृह प्रवेश किया है। उन्होंने जन-धन योजना की सफलता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे करोड़ों महिलाओं के खाते खोले गए, जिससे सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे उन तक पहुँच रहा है।
महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए उन्होंने ‘लखपति दीदी’ योजना की सफलता का उल्लेख किया और कहा कि बिहार में 20 लाख महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। उन्होंने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह “लालटेन का दौर” था जब नौकरी के नाम पर गरीबों की जमीन लिखवा ली जाती थी, जबकि आज का दौर “नई रोशनी” का है, जहाँ युवाओं को पारदर्शी तरीके से रोजगार मिल रहा है।
अंत में, उन्होंने नक्सलवाद पर प्रहार की बात करते हुए कहा कि चंपारण, गया और जमुई जैसे क्षेत्रों में माओवाद आज अंतिम सांसें गिन रहा है, जिससे युवाओं के लिए विकास के नए रास्ते खुल रहे हैं। उन्होंने बिहार के स्थानीय उत्पादों जैसे मखाना, मगही पान, और मरचा धान को वैश्विक पहचान दिलाने के सरकारी प्रयासों का भी उल्लेख किया।
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