चंडीगढ़। पंजाब में धार्मिक ग्रंथों के अपमान (बेअदबी) की घटनाओं पर पूर्णविराम लगाने के लिए भगवंत मान सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। सरकार ने विधानसभा में ‘पंजाब पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक, 2025’ पेश किया है, जिसका उद्देश्य सभी धर्मों की गरिमा और सम्मान सुनिश्चित करना है। इस विधेयक में बेअदबी के दोषियों के लिए न्यूनतम 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान, पंजाब के शिक्षा और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पिछली सरकारों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो लोग पंथ की सेवा करने और सिख धर्म की रक्षा करने का दावा करते थे, वे उसी समय सत्ता के नशे में चूर थे जब श्री गुरु ग्रंथ साहिब के ‘अंग’ सड़कों पर बिखेरे गए। बैंस ने कहा, “पंजाब के लोग उन्हें हर जिले में सुखविलास जैसे होटल बनाने और दौलत जमा करने के लिए माफ कर सकते हैं, लेकिन अपनी राजनीति के लिए हमारे गुरु के ग्रंथों का अनादर करना और बेअदबी का विरोध कर रही संगत पर गोलियां चलवाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।”
“पंजाब को तोड़ने की हुई साजिश”
हरजोत सिंह बैंस ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों के दौरान नशे के व्यापार और बेअदबी को बढ़ावा देने के लिए मौन सहमति थी। उन्होंने दावा किया कि एक दशक लंबी साजिश के तहत पंजाब को बांटने, उसे उसकी आध्यात्मिक जड़ों से दूर करने और उसे टूटा हुआ व नशे में डूबा हुआ रखने की कोशिश की गई।
उन्होंने पंजाब की गौरवशाली आध्यात्मिक विरासत का जिक्र करते हुए कहा, “यह पंजाब की ही भूमि है, जहां दुनिया के पहले धर्मग्रंथ ऋग्वेद का जन्म हुआ। यहीं भगवान वाल्मीकि ने महाकाव्य रामायण की रचना की और यहीं श्री गुरु ग्रंथ साहिब का संकलन किया गया।” उन्होंने याद दिलाया कि अनगिनत सिखों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की गरिमा और पवित्रता को बनाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।
क्या हैं नए कानून के कड़े प्रावधान?
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों की निष्क्रियता के कारण बेअदबी करने वालों के हौसले बुलंद थे, लेकिन अब मान सरकार का यह विधेयक ऐसे अपराधों पर लगाम कसेगा। इस कानून के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:
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अपराध की व्यापक परिभाषा: विधेयक में ‘बेअदबी’ को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है। इसमें पवित्र ग्रंथों के साथ छेड़छाड़ करना, उन्हें जलाना, फाड़ना, नष्ट करना, विरूपित करना या किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाना शामिल है।
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सभी धर्मों का सम्मान: यह कानून श्री गुरु ग्रंथ साहिบ, गुटका साहिब, श्रीमद्भगवद्गीता, कुरान शरीफ और पवित्र बाइबिल सहित अन्य सभी पवित्र ग्रंथों पर समान रूप से लागू होगा।
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कठोर दंड: दोषियों को न्यूनतम 10 साल की सजा होगी, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही, 5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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गैर-जमानती अपराध: बेअदबी को एक गैर-जमानती (Non-bailable) और गैर-शमनीय (Non-compoundable) अपराध बनाया गया है। इसका मतलब है कि आरोपी आसानी से जमानत नहीं ले पाएगा और न ही अदालत के बाहर समझौता कर सकेगा।
हरजोत सिंह बैंस ने अंत में कहा, “यह विधेयक पंजाब में सभी धार्मिक समुदायों की गरिमा और सम्मान सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमें विश्वास है कि यह कानून उन लोगों के लिए एक निवारक के रूप में काम करेगा जो पवित्र ग्रंथों की बेअदबी कर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना चाहते हैं।”
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