Himachal: सराज के आपदा पीड़ितों को 7 करोड़ की राहत, मुख्यमंत्री ने पुनर्वास का दिया आश्वासन

शिमला/मंडी। अपने सराज विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दूसरे दिन, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित गांवों का दौरा कर पीड़ितों के घावों पर मरहम लगाया। उन्होंने थुनाग, बगस्याड़, देजी, बड़ा और स्यांज गांवों का दौरा कर हाल ही में हुए बादल फटने से हुए भारी नुकसान की समीक्षा की और प्रभावितों को राज्य सरकार से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए तत्काल 7 करोड़ रुपये की राहत राशि की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 2 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं और अब 2-2 करोड़ रुपये अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग को दिए जाएंगे, जबकि 1 करोड़ रुपये खंड विकास कार्यालय को प्रदान किए जाएंगे ताकि पुनर्स्थापना कार्यों में तेजी लाई जा सके।

देजी गांव में बादल फटने से 11 लोग अभी भी लापता हैं, जबकि बड़ा गांव में दो और स्यांज गांव में चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और पांच लोग लापता हैं। मुख्यमंत्री ने दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।

उन्होंने पखरार पंचायत घर में लोगों से बातचीत की, उनकी समस्याएं सुनीं और राजस्व अधिकारियों को सभी प्रकार के नुकसान का तुरंत आकलन करने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि जो आवासीय परिसर अभी भी गाद या चट्टानों से भरे हैं या रहने के लिए असुरक्षित माने जाते हैं, उन्हें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घोषित किया जाए ताकि लोगों को अधिकतम मुआवजा प्रदान किया जा सके। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार क्षतिग्रस्त घरेलू सामान और पशुधन के लिए भी मुआवजा देगी।

श्री सुक्खू ने बागवानों और सेब उत्पादकों को हुए नुकसान का आकलन करने के विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल जल्द ही इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के लिए एक विशेष राहत पैकेज पर चर्चा कर घोषणा करेगा। उन्होंने कहा कि यह आपदा बहुत बड़ी है और पुनर्वास में समय लगेगा, लेकिन सरकार लोगों का पूरा सहयोग करेगी।

बड़ा गांव में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए एकमुश्त निपटान नीति (one-time settlement policy) लाने पर विचार कर रही है। चूंकि हिमाचल प्रदेश की 68 प्रतिशत भूमि वन भूमि है, इसलिए लोगों को वन भूमि पर बसाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी जाएगी।

छात्रों की पढ़ाई निर्बाध रूप से जारी रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि थुनाग में स्थित वानिकी और बागवानी कॉलेज की अस्थायी कक्षाएं मंडी जिले के सुंदरनगर में आयोजित की जाएंगी। उन्होंने थुनाग में सीबीएसई से संबद्ध स्कूल खोलने का भी वादा किया।

मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों में मदद कर रहे एनसीसी कैडेटों, एसडीआरएफ के जवानों और भारतीय सेना के जवानों से भी मुलाकात की और उनके समर्पण और सेवा भाव की सराहना की। भारतीय सेना के ब्रिगेडियर यजुवेंद्र सिंह ने उन्हें राहत अभियानों के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने इस संकट के दौरान निस्वार्थ सेवा के लिए भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड और विभिन्न संगठनों के स्वयंसेवकों का धन्यवाद किया।

इस अवसर पर एपीएमसी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, कांग्रेस नेता चेत राम, जगदीश रेड्डी, उपायुक्त अपूर्व देवगन और एसपी साक्षी वर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

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