देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इस बैठक में कुल 6 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें सामाजिक सुरक्षा से लेकर प्रशासनिक सुधार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने वाले ऐतिहासिक निर्णय शामिल हैं। बैठक का सबसे अहम फैसला वृद्धावस्था पेंशन को लेकर रहा, जिससे प्रदेश के हजारों बुजुर्गों को बड़ी राहत मिली है।
कैबिनेट बैठक के प्रमुख फैसले:
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वृद्धावस्था पेंशन पर ऐतिहासिक निर्णय:
कैबिनेट ने सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा और मानवीय कदम उठाते हुए वृद्धावस्था पेंशन के नियमों में एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी है। नए नियम के अनुसार, अब किसी लाभार्थी का पुत्र 18 साल का होने पर उसकी वृद्धावस्था पेंशन बंद नहीं होगी। पहले के नियम के तहत, पुत्र के बालिग (18 वर्ष) होते ही पेंशन बंद कर दी जाती थी, जिससे कई बुजुर्गों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता था। सरकार के इस फैसले से अब वे अपनी वृद्धावस्था में आर्थिक रूप से अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे। -
पुलों की मजबूती के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU):
प्रदेश में पुलों की सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार ने एक समर्पित ‘प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट’ (PMU) के गठन को मंजूरी दे दी है। यह यूनिट राज्य भर में पुराने और कमजोर पुलों की पहचान करने, उनकी मरम्मत, रेट्रोफिटिंग और क्षमता बढ़ाने की परियोजनाओं का प्रबंधन करेगी। यह फैसला विशेष रूप से पहाड़ी राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यातायात सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक मील का पत्थर साबित होगा। -
सतर्कता और जीएसटी विभाग का विस्तार:
प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए, कैबिनेट ने सतर्कता (Vigilance) विभाग के ढांचे में 20 नए पदों को बढ़ाने की मंजूरी दी है। इससे विभाग में कुल पदों की संख्या 132 से बढ़कर 152 हो जाएगी। इसके अलावा, राजस्व संग्रह को और प्रभावी बनाने के लिए जीएसटी विभाग के ढांचे में भी पदों की संख्या बढ़ाने को मंजूरी दी गई है। -
जियो-थर्मल नीति को हरी झंडी:
उत्तराखंड को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए कैबिनेट ने ‘जियो-थर्मल नीति’ पर मुहर लगा दी है। इस नीति का उद्देश्य पृथ्वी की आंतरिक गर्मी (भू-तापीय ऊर्जा) का उपयोग करके स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करना है। यह नीति राज्य में ऊर्जा के नए स्रोतों के विकास और निवेश को प्रोत्साहित करेगी। -
नए खनिजों के लिए खनन न्यास का गठन:
राज्य में नए खनिजों के खनन को व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए कैबिनेट ने जिला और प्रदेश स्तर पर ‘खनन न्यास’ (Mining Trusts) बनाने का फैसला किया है। ये न्यास खनन से होने वाली आय का प्रबंधन करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इसका एक हिस्सा खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास और वहां के लोगों के कल्याण पर खर्च हो।
इन फैसलों के माध्यम से धामी सरकार ने एक तरफ जहां आम आदमी और बुजुर्गों को सीधी राहत दी है, वहीं दूसरी ओर राज्य के प्रशासनिक और ढांचागत सुधारों को भी गति देने का प्रयास किया है।
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