देहरादून। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार अपनी नई और महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए अनुपूरक बजट लाने की तैयारी में है। यह बजट आगामी अगस्त माह में प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। इस अनुपूरक बजट का मुख्य फोकस राज्य के कृषि और संबंधित क्षेत्रों का कायाकल्प करना है, ताकि प्रदेश की आर्थिकी में प्राथमिक क्षेत्र (Primary Sector) के योगदान को बढ़ाया जा सके, जो वर्तमान में अपेक्षा से काफी कम है।
कृषि और औद्यानिकी पर विशेष जोर
सरकार का मानना है कि राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कृषि, बागवानी और इससे जुड़े क्षेत्रों को बढ़ावा देना अनिवार्य है। इसी उद्देश्य से पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि और औद्यानिकी के विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने और विस्तार देने के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता है। इसके अलावा, पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों द्वारा फसलों को पहुंचाए जा रहे नुकसान से किसानों को बचाने के लिए भी ठोस कदम उठाए जाने हैं।
इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हालिया दो दिवसीय दिल्ली दौरे को अनुपूरक बजट की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है। वहां उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की, जिसमें राज्य के लिए 3000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति बनी है। माना जा रहा है कि अनुपूरक बजट में इन प्रस्तावों के लिए वित्तीय प्रावधान किए जाएंगे ताकि कृषि क्षेत्र को एक नई गति मिल सके।
विभागों से मांगे गए प्रस्ताव, बजट का आकार सीमित रहने की उम्मीद
अनुपूरक बजट की तैयारियों को लेकर सरकार ने काम शुरू कर दिया है। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने सभी विभागाध्यक्षों को अनुपूरक मांगों के संबंध में अपने प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। कृषि के अलावा, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थापना विकास (Infrastructure Development) के कार्यों के लिए भी धन की व्यवस्था की जाएगी।
गौरतलब है कि विधानसभा ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,01,175.33 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट को गत फरवरी माह में ही स्वीकृति दे दी थी। हालांकि, वार्षिक बजट के अनुसार खर्च की रफ्तार अभी धीमी है, इसलिए सरकार केवल अति-आवश्यक और प्राथमिकता वाली योजनाओं के लिए ही अनुपूरक मांगों पर विचार करेगी। सूत्रों के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में अनुपूरक बजट का आकार लगभग 5000 करोड़ रुपये रहा था। इस बार भी अनुपूरक बजट का आकार इसके आसपास या इससे कुछ कम रहने की संभावना है।
मानसून सत्र की तिथियां तय करने के लिए मंत्रिमंडल पहले ही मुख्यमंत्री धामी को अधिकृत कर चुका है। यह अनुपूरक बजट धामी सरकार के लिए राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास की मजबूत नींव तैयार करने वाली योजनाओं को गति देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।