शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम (HPSFDC) के निदेशक मंडल की 215वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने निगम के कामकाज में आधुनिक तकनीक को शामिल करने और दक्षता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निगम के सभी लकड़ी के गोदामों (टिम्बर गो-डाउन) में बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। एक महत्वपूर्ण फैसले में, उन्होंने ऊना जिले के गगरेट क्षेत्र में एक बांस प्रसंस्करण कारखाना (Bamboo Processing Factory) स्थापित करने की संभावनाएं तलाशने को कहा। इस पहल का उद्देश्य ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों के किसानों को उनकी बांस की उपज का लाभकारी मूल्य प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने आम लोगों की सुविधा के लिए निगम में ‘नेशनल ट्रांजिट पास’ प्रणाली को एकीकृत करने का भी निर्देश दिया।
बैठक में बताया गया कि वन निगम ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में लकड़ी, बिरोजा (रोसिन) और तारपीन के तेल की बिक्री से 289.91 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया है, जिससे 14.93 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। यह पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है, जब निगम ने 267 करोड़ रुपये की बिक्री पर 7.88 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। इसके अलावा, निगम को सिल्विकल्चर कटान से 41.30 करोड़ रुपये की रॉयल्टी भी प्राप्त हुई।
बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, बोर्ड के सरकारी और गैर-सरकारी सदस्यों, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, प्रधान सचिव (वित्त) देवेश कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (HOFF) समीर रस्तोगी, निगम के प्रबंध निदेशक संजय सूद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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