Ghana: भारत-घाना संबंध नई ऊंचाई पर, PM मोदी को मिला सर्वोच्च सम्मान

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पांच देशों की महत्वपूर्ण यात्रा का पहला पड़ाव, पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना, भारत-अफ्रीका संबंधों के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ है। तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा पर पहुंचे पीएम मोदी ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा दी, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि भारत, घाना की विकास यात्रा में केवल एक भागीदार नहीं, बल्कि एक “सह-यात्री” है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए और प्रधानमंत्री मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से भी सम्मानित किया गया।

अभूतपूर्व स्वागत और सर्वोच्च सम्मान

बुधवार को जब प्रधानमंत्री मोदी का विमान घाना की राजधानी अक्रा के कोटोक्का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा, तो उनका अभूतपूर्व और गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वयं घाना के राष्ट्रपति जान द्रमानी महामा ने उनकी अगवानी की। पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी दी गई। इस स्वागत का सबसे हृदयस्पर्शी क्षण वह था जब छोटे-छोटे बच्चों के एक समूह ने उनके समक्ष ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ का मधुर पाठ किया, जो दोनों देशों के गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक था।

इस यात्रा का सबसे बड़ा सम्मान वह था जब राष्ट्रपति महामा ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया। इस प्रतिष्ठित सम्मान को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “घाना के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित होना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। मैं राष्ट्रपति महामा, घाना सरकार और यहां के लोगों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।” उन्होंने इस सम्मान को 140 करोड़ भारतीयों, देश के युवाओं की आकांक्षाओं और भारत-घाना के ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया।

रणनीतिक साझेदारी: व्यापार, रक्षा और आतंकवाद पर फोकस

राष्ट्रपति महामा के साथ हुई विस्तृत बातचीत के बाद दोनों देशों ने अपनी साझेदारी को और मजबूत करने का संकल्प लिया। इस दौरान चार अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जो भविष्य के सहयोग की नींव रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।

रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को एक नया आयाम दिया गया। दोनों नेताओं ने सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण, समुद्री सुरक्षा, रक्षा आपूर्ति और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। पीएम मोदी ने “एकजुटता के माध्यम से सुरक्षा” के मंत्र का आह्वान करते हुए कहा कि दोनों देश मिलकर क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करेंगे। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया। पीएम मोदी ने कहा, “हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है,” और उन्होंने इस लड़ाई में घाना के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

वैश्विक मंच पर साझा दृष्टिकोण

द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा, दोनों नेताओं ने वैश्विक मंच पर व्याप्त अशांति, विशेष रूप से पश्चिम एशिया और यूरोप की स्थिति पर भी गहरी चिंता साझा की। दोनों इस बात पर सहमत थे कि “यह युद्ध का युग नहीं है” और किसी भी समस्या का समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही किया जाना चाहिए।

‘ग्लोबल साउथ’ को साधने की व्यापक रणनीति

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल घाना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ‘ग्लोबल साउथ’ (विकासशील और कम विकसित देशों) के साथ भारत के रिश्तों को नई ऊर्जा देने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है। अपनी आठ दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले ही पीएम मोदी ने स्पष्ट किया था कि यह दौरा इन देशों के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने का एक बेहतरीन अवसर होगा। घाना के बाद वह त्रिनिदाद व टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा करेंगे।

अर्जेंटीना, घाना और नामीबिया की यात्रा का मुख्य फोकस बहुमूल्य धातुओं और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर होगा। ये देश इलेक्ट्रिक वाहनों, सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले लिथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के बड़े भंडार रखते हैं। वहीं, त्रिनिदाद व टोबैगो की यात्रा भारतीय मूल के लोगों के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने का एक अवसर होगी।

इस दौरे का एक अन्य महत्वपूर्ण पड़ाव ब्राजील होगा, जहां पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। हालांकि रूस और चीन के राष्ट्रपति इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं, लेकिन ईरान, यूएई जैसे नए सदस्यों और अन्य आमंत्रित राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति इसे महत्वपूर्ण बनाती है। यह यात्रा भारत को ग्लोबल साउथ के एक प्रमुख नेता के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करती है।

 

Pls read:US: भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता अंतिम दौर में, 48 घंटे में समझौते की उम्मीद, कृषि पर फंसा पेंच

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *