Uttarpradesh: “पढ़ाई नहीं रुकेगी, मैं हूं न”: फीस नहीं थी तो CM के जनता दर्शन पहुंची छात्रा, योगी ने लिया पढ़ाई का जिम्मा

गोरखपुर। नए शैक्षिक सत्र का पहला दिन (1 जुलाई) गोरखपुर की कक्षा सात की छात्रा पंखुड़ी त्रिपाठी के लिए आजीवन अविस्मरणीय बन गया। फीस जमा न कर पाने के कारण जिस बेटी की पढ़ाई पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, उसकी सारी चिंताएं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक मुलाकात के बाद दूर हो गईं। मुख्यमंत्री ने न केवल उसकी पढ़ाई का जिम्मा लेने का भरोसा दिया, बल्कि उसके साथ फोटो खिंचाने की मासूम ख्वाहिश को भी पूरा किया।

यह भावुक क्षण मंगलवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन के दौरान देखने को मिला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सभागार में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे और अधिकारियों को उनके त्वरित निस्तारण के निर्देश दे रहे थे। इसी कतार में कोतवाली क्षेत्र के पुरदिलपुर की रहने वाली 12 वर्षीय पंखुड़ी त्रिपाठी भी अपनी माँ के साथ बैठी थी।

“महाराज जी, मैं पढ़ना चाहती हूं…”

जैसे ही मुख्यमंत्री पंखुड़ी के पास पहुंचे, उसने बड़ी हिम्मत के साथ अपना प्रार्थना पत्र आगे बढ़ाते हुए कहा, “महाराज जी, मैं पढ़ना चाहती हूं, मेरी फीस माफ करवा दीजिए या फीस का इंतजाम करा दीजिए।” एक बच्ची के मुंह से अपनी पढ़ाई के लिए ऐसी मार्मिक अपील सुनकर मुख्यमंत्री रुक गए। उन्होंने बड़े ही आत्मीय भाव से पंखुड़ी से बातचीत की और उसकी पूरी परेशानी को समझा।

पंखुड़ी ने बताया कि वह एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ती है, लेकिन उसके पिता राजीव त्रिपाठी के दिव्यांग हो जाने के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हो गई है। उसकी मां मीनाक्षी एक दुकान पर नौकरी करके जैसे-तैसे घर चला रही हैं। उसका एक भाई भी है जो कक्षा 12 में पढ़ता है। पंखुड़ी ने बताया कि नए सत्र की फीस जमा नहीं हो पाई थी, इसीलिए आज वह स्कूल जाने की बजाय अपनी आखिरी उम्मीद लेकर मुख्यमंत्री के पास मदद की गुहार लगाने आई है।

मुख्यमंत्री की सहृदयता से भावविभोर हुई पंखुड़ी

पंखुड़ी की पूरी बात सुनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसके सिर पर हाथ रखकर भरोसा दिया, “बिलकुल परेशान मत हो। तुम्हारी पढ़ाई बाधित नहीं होने देंगे। स्कूल से बात करके फीस माफ कराने का प्रयास करेंगे और अगर फीस माफ नहीं हुई, तो उसका इंतजाम हम खुद कराएंगे।” उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को तत्काल निर्देशित किया कि फीस के अभाव में इस बेटी की पढ़ाई किसी भी कीमत पर रुकनी नहीं चाहिए।

मुख्यमंत्री से यह आश्वासन मिलते ही पंखुड़ी का चेहरा खिल उठा। उसने झिझकते हुए मुख्यमंत्री से उनके साथ एक फोटो खिंचाने का अनुरोध किया, जिसे मुख्यमंत्री ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इस सहृदयता से भावविभोर पंखुड़ी ने कहा, “महाराज जी जैसा कोई नहीं है।”

इस जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने करीब 100 लोगों की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता की हर पीड़ा का निवारण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

 

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