शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून की पहली बारिश ने ही भारी तबाही मचा दी है। पिछले 24 घंटों के दौरान हुई अत्यधिक भारी बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा कहर मंडी जिले में देखने को मिला है, जहां तीन अलग-अलग जगहों पर बादल फटने से भीषण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 16 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
मंडी जिले के गोहर, करसोग और धर्मपुर क्षेत्र बादल फटने से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों में आई आकस्मिक बाढ़ और मलबे के कारण 18 घर और 12 गौशालाएं पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं। इस आपदा में 30 मवेशियों की भी जान चली गई। राहत और बचाव टीमों ने अब तक 117 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है, लेकिन लापता लोगों की तलाश अभी भी जारी है।
बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड, कई इलाकों में जलभराव
पिछले 24 घंटों में हुई बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, संधोल में रिकॉर्ड 223.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि मंडी शहर में 216.8 मिमी और पंडोह में 215.0 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा पालमपुर, चौपाल, गोहर और करसोग सहित कई अन्य क्षेत्रों में भी 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे नदी-नाले उफान पर हैं और कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है।

अगले 5 दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आने वाले दिनों में भी राहत की कोई उम्मीद नहीं जताई है। विभाग ने राज्य में अगले सात दिनों तक लगातार बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है। इसमें से पांच दिनों (1, 2, 3, 6 और 7 जुलाई) के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है, जबकि दो दिनों के लिए ‘येलो अलर्ट’ रहेगा। विशेष रूप से हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने लिया स्थिति का जायजा
आपदा की इस घड़ी में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कांगड़ा जिले के भड़ोली में ब्यास नदी के बढ़े हुए जलस्तर का निरीक्षण किया और नदी पर बने पुल व आसपास के क्षेत्रों की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने और प्रभावितों तक हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। इस दौरान उनके साथ आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, डीसी कांगड़ा हेमराज बेरवा और एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री भी मौजूद रहीं। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है और लोगों से नदी-नालों के पास न जाने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई है।
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