Himachal: मंडी में बादल फटने से भीषण बाढ़, मकानों सहित बहे दो परिवार, 9 लोग लापता

मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में कुदरत ने भयानक कहर बरपाया है। जिले के गोहर उपमंडल में आधी रात को बादल फटने के बाद ज्यूणी और सकोल खड्ड में आई विनाशकारी बाढ़ दो परिवारों को उनके घरों समेत बहा ले गई। इस भयावह हादसे में दो परिवारों के कुल नौ लोगों के बह जाने की आशंका है। प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन लगातार हो रही भारी बारिश बचाव कार्य में बड़ी बाधा बन रही है।

आंखों के सामने बह गए 9 लोग

यह दिल दहला देने वाली घटना स्यांज पंचायत के पंगलियूर वार्ड में घटी, जहां झाबे राम और पदम सिंह के परिवार सैलाब की चपेट में आ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब खड्ड में अचानक जलस्तर बढ़ा तो दोनों परिवारों के नौ सदस्य अपनी जान बचाने के लिए घर की छत पर चढ़ गए। वे लगातार मदद के लिए गुहार लगा रहे थे और मोबाइल फोन के जरिए आसपास के लोगों से संपर्क भी किया। ग्रामीणों ने उन्हें बचाने के लिए हाथ भी बढ़ाए, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज और विनाशकारी था कि कुछ ही मिनटों में सैलाब अपने साथ सब कुछ बहा ले गया। ग्रामीण अपनी बेबस आंखों से नौ लोगों को बहते देखते रह गए।

लापता हुए लोगों में झाबे राम के परिवार के सात सदस्य शामिल हैं, जिनमें खुद झाबे राम, उनकी पत्नी, मां, बेटा, बहू, पोता और पोती शामिल हैं। वहीं, दूसरे परिवार में पदम सिंह और उनकी पत्नी भी पानी के तेज बहाव में बह गए हैं।

तबाही का मंजर और बचाव कार्य

इस प्रलयंकारी बाढ़ की खबर मिलते ही स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया। गोहर पुलिस की टीम रात से ही राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मंडी, सागर चंद्र भी पुलिस बल के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। ज्यूणी खड्ड आगे पंडोह में ब्यास नदी से मिलती है, इसलिए तलाशी अभियान का दायरा काफी बड़ा है।

यह तबाही सिर्फ एक जगह तक सीमित नहीं रही। धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में भी बादल फटने से भारी विनाश हुआ है। लौंगनी पंचायत का स्योठी गांव एक पहाड़ी पर बसा था, जो भूस्खलन के कारण एक ही झटके में पूरी तरह जमींदोज हो गया। यहां करीब आठ से दस घर और इतनी ही गौशालाएं थीं, जो मलबे में दब गईं। वहीं, कांढापतन में ब्यास नदी का तेज बहाव एक पुल को ही अपने साथ बहा ले गया। धर्मपुर कस्बे में भी पानी घुसने से भारी नुकसान हुआ है, जहां एचआरटीसी की लापरवाही के कारण बस स्टैंड पर खड़ी करीब 15 बसें बाढ़ में डूब गईं। इस आपदा ने पूरे मंडी जिले को झकझोर कर रख दिया है।

 

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