चंडीगढ़। पंजाब की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के खिलाफ चौतरफा हमला बोलते हुए उस पर बदले की राजनीति करने का गंभीर आरोप लगाया है। सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में हुई कोर कमेटी की बैठक में ‘आप’ सरकार के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को निशाना बना रही है।
लगभग चार घंटे तक चली इस मैराथन बैठक के बाद पार्टी के सचिव डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि ‘आप’ सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम राज्य में पूरी तरह विफल रही है और इसी बौखलाहट में वे तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मजीठिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करना इसी बदले की राजनीति का हिस्सा है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह ऐसी गीदड़ भभकियों से न तो पहले डरी थी और न ही अब डरने वाली है और इस कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
लैंड पूलिंग पॉलिसी भ्रष्टाचार का अड्डा
कोर कमेटी ने लुधियाना में ‘आप’ सरकार द्वारा लाई गई लैंड पूलिंग पॉलिसी को भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा करार दिया। डॉ. चीमा ने कहा कि पार्टी जल्द ही तथ्यों के साथ इस पॉलिसी से जुड़े नए और चौंकाने वाले खुलासे करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पॉलिसी की आड़ में न केवल किसानों से उनकी कीमती जमीन छीनी जा रही है, बल्कि खेत मजदूरों और उनसे जुड़े अन्य रोजगारों को भी खत्म करने की साजिश रची जा रही है।

सरकार पर हर मोर्चे पर विफलता का आरोप
प्रस्ताव में कहा गया है कि ‘आप’ सरकार ने राज्य में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर दिए हैं और लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। अकाली दल ने आरोप लगाया कि सरकार अपने किसी भी वादे को पूरा नहीं कर पाई है। राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, आर्थिक तौर पर राज्य कंगाली के कगार पर है और विकास कार्य ठप पड़े हैं। नशे के खिलाफ ‘युद्ध’ के नाम पर सरकार ने सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च कर दिए, लेकिन इसकी असलियत जनता के सामने आ चुकी है।
बैठक में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के मामले में क्लीन चिट दिए जाने पर भी गंभीर सवाल उठाए गए। अकाली दल ने कहा कि इस भ्रष्टाचार के गवाह तो खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान थे, लेकिन अब डॉ. सिंगला को क्लीन चिट देना साबित करता है कि यह सब एक सुनियोजित ड्रामा था।
इसके अलावा, पार्टी ने कुछ अन्य फैसले भी लिए। अकाल तख्त के हुक्म के मुताबिक, अकाली दल जुलाई महीने में राज्य भर में एक लाख पौधे लगाएगा। तरनतारन उपचुनाव के मद्देनजर वरिष्ठ नेता गुलजार सिंह रणीके को को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। वहीं, दिलजीत दोसांझ की फिल्म ‘सरदार जी-3’ से जुड़े विवाद पर पार्टी ने कहा कि कला और खेल के क्षेत्र में नफरत नहीं फैलानी चाहिए, लेकिन पार्टी के लिए देश पहले है और वह केंद्र सरकार के फैसले के साथ खड़ी है।