Uttarakhand: ITBP का दुर्गम ‘हिमाद्री अभियान’ शुरू, CM धामी ने दिखाई हरी झंडी, 1032 KM का सफर तय कर लद्दाख पहुंचेंगे हिमवीर

देहरादून, शनिवार।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के महत्वाकांक्षी ‘हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह अभियान न केवल आईटीबीपी के जवानों के साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है, बल्कि इसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक निगरानी के साथ-साथ पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना भी है। हालांकि, इस साहसिक अभियान की शुरुआत एक भावुक क्षण के साथ हुई, जब मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत हुए सभी यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखवाया।

इस अवसर पर आईटीबीपी के वीर जवानों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह अभियान साहस और संकल्प का प्रतीक होने के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि वीरभूमि उत्तराखंड से बड़ी संख्या में जवान देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च योगदान दे रहे हैं।

1032 किलोमीटर का दुर्गम सफर, 84 वाइब्रेंट विलेज होंगे कवर

आईटीबीपी के महानिरीक्षक (आईजी) संजय गुंज्याल ने अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 45 सदस्यीय यह दल उत्तराखंड से अपनी यात्रा शुरू करेगा और हिमाचल प्रदेश होते हुए लद्दाख तक लगभग 1032 किलोमीटर की कठिन दूरी तय करेगा। इस दौरान दल 27 दुर्गम घाटियों और 27 ऊंचे दर्रों को पार करेगा।

उन्होंने बताया कि इस अभियान का एक मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम को बढ़ावा देना है। इस ट्रैकिंग रूट में कुल 84 वाइब्रेंट विलेज आएंगे, जहां दल स्थानीय लोगों से संवाद करेगा और एडवेंचर टूरिज्म की संभावनाओं को तलाशेगा। इसके साथ ही, पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए अभियान दल द्वारा स्थानीय लोगों को 3.5 लाख फलदार पौधे भी वितरित किए जाएंगे।

सैनिकों के कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री धामी ने इस मौके पर सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। उन्होंने बताया कि सरकार ने शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया है। इसके अलावा, वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली धनराशि में वृद्धि, बलिदानियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी में समायोजन की अवधि को दो वर्ष से बढ़ाकर पाँच वर्ष करना, पूर्व सैनिकों को सरकारी बसों में निशुल्क यात्रा और संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट जैसे कई कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, गृह सचिव शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, आईजी आईटीबीपी गिरीश चन्द्र उपाध्याय सहित आईटीबीपी के कई वरिष्ठ अधिकारी और जवान मौजूद थे।

 

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