देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ट्रैफिक की विकराल होती समस्या पर शासन ने अब कड़ा रुख अपना लिया है। मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने शहर की यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित विभागों को दो टूक निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि शहर के सभी कमर्शियल संस्थानों को अपने बेसमेंट का शत-प्रतिशत उपयोग पार्किंग के लिए सुनिश्चित करना होगा और जो भी संस्थान इसका उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्ती से प्रवर्तन (एनफोर्समेंट) की कार्रवाई की जाएगी।
सचिवालय में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में देहरादून जिला प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों ने शहर के लिए तैयार किए गए ‘मोबिलिटी प्लान’ का विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। जिलाधिकारी सविन बंसल ने अब तक हुए कार्यों की प्रगति से मुख्य सचिव को अवगत कराया और भविष्य की दूरगामी योजनाओं का खाका भी प्रस्तुत किया।
पार्किंग पर अब नहीं चलेगी मनमानी
शहर में जाम का एक बड़ा कारण सड़कों पर होने वाली अवैध पार्किंग है, जिसका मुख्य कारण कमर्शियल भवनों द्वारा अपने बेसमेंट का पार्किंग के लिए उपयोग न करना है। इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे एक अभियान चलाकर यह सुनिश्चित करें कि सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान, जैसे होटल, मॉल, अस्पताल और बड़े शोरूम, अपने बेसमेंट को पूरी तरह से पार्किंग के लिए खाली कराएं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “जो भी संस्थान बेसमेंट में पार्किंग नहीं कराते, उन पर और संबंधित व्यक्तियों पर सख्त एनफोर्समेंट की कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।”

स्पष्ट रोडमैप और टाइमलाइन के साथ हो काम
मुख्य सचिव ने देहरादून को एक व्यवस्थित और अधिक गतिशील शहर बनाने के लिए एक समन्वित और समयबद्ध कार्य योजना पर जोर दिया। उन्होंने जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, एमडीडीए, नगर निगम, परिवहन विभाग, पुलिस, जल संस्थान और जल निगम को आपसी समन्वय से एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर कार्य को पूरा करने के लिए एक निश्चित समय-सीमा (टाइमलाइन) तय की जानी चाहिए ताकि परियोजनाओं में अनावश्यक देरी न हो। इसके साथ ही, उन्होंने शहर में चल रहे सड़क और जंक्शन सुधार के कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
भविष्य के लिए भी कड़े नियम
यह समस्या भविष्य में दोबारा न खड़ी हो, इसके लिए भी मुख्य सचिव ने कड़े निर्देश जारी किए। उन्होंने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) को निर्देशित किया कि भविष्य में किसी भी भवन का नक्शा पास करते समय पार्किंग से संबंधित उप-नियमों (बायलॉज) का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य देहरादून की यातायात व्यवस्था के लिए केवल तात्कालिक समाधान खोजना नहीं, बल्कि शहर को स्वचालित और गतिशील बनाने वाले एक भविष्योन्मुखी रोडमैप का स्पष्ट खाका तैयार करना था। बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव पंकज पांडेय, एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।