Uttarakhand: वन संपदा से जुड़ेगी आजीविका, हल्द्वानी जू-सफारी का काम होगा तेज, वन्यजीव बोर्ड की बैठक में सीएम धामी के अहम फैसले

देहरादून: उत्तराखंड में वनों के संरक्षण के साथ-साथ वन संपदा को लोगों की आजीविका से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग को विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को सचिवालय में आयोजित राज्य वन्यजीव बोर्ड की 21वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था (Ecology and Economy) में संतुलन बनाते हुए अगले 10 वर्षों के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कई अहम निर्देश दिए, जिसमें मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को कम करने और ऐसी घटनाओं में पीड़ितों को त्वरित मुआवजा देने के लिए एक ‘डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम’ लागू करना शामिल है। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों के आसपास इको-टूरिज्म की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए, ताकि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो सकें।

प्रमुख परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में बन रहे जू एंड सफारी के निर्माण कार्य में तेजी लाने के स्पष्ट निर्देश दिए। साथ ही, पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए वन विश्राम भवनों का बेहतर रखरखाव कर राजस्व बढ़ाने के प्रयास करने को कहा। उन्होंने ऋषिकेश स्थित चौरासी कुटिया के जीर्णोद्धार से संबंधित कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने नवाचार पर जोर देते हुए कहा, “उत्तराखंड वनों की बहुलता वाला प्रदेश है, इसलिए वन संपदाओं को आर्थिकी से जोड़ने के लिए वन विभाग और वित्त विभाग को मिलकर एक ठोस योजना बनानी चाहिए।” इसके अलावा, उन्होंने महासीर मछली के संरक्षण के लिए भी विशेष प्रयास करने को कहा।

25 प्रस्तावों को मिली मंजूरी, 40 हजार बंदरों का होगा बंध्याकरण

बैठक में संरक्षित क्षेत्रों के भीतर और उनकी 10 किलोमीटर की परिधि में आने वाले वन भूमि हस्तांतरण और अन्य प्रकरणों से संबंधित कुल 25 प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया गया, जिन्हें अब अंतिम स्वीकृति के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को भेजा जाएगा। इसके अलावा, श्री रुद्रनाथ यात्रा मार्ग को ईको-डेवलपमेंट कमेटी (EDC) के माध्यम से संचालित करने और केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग में एक मिनी ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना के लिए भी सैद्धांतिक सहमति दी गई।

अधिकारियों ने बताया कि पिछली बोर्ड बैठक के बाद से राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड द्वारा उत्तराखंड की 22 महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर सहमति दी जा चुकी है। यह भी जानकारी दी गई कि पिछले 3 वर्षों में 75 हजार से अधिक बंदरों का बंध्याकरण किया जा चुका है और इस वर्ष 40 हजार बंदरों के बंध्याकरण का लक्ष्य रखा गया है। मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में त्वरित राहत प्रदान करते हुए, वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 19.55 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रदान किया गया है।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड जैव विविधता की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण राज्य है और हमें नए पर्यटन स्थल विकसित करने की दिशा में काम करना होगा। बैठक में विधायक बंशीधर भगत, दीवान सिंह बिष्ट, प्रमुख सचिव वन आर. के सुधांशु और पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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