शिप्की-ला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू किन्नौर जिले के शिप्की-ला में चीन सीमा पर पहुँचे। उन्होंने यहां सरहद वन उद्यान की आधारशिला रखी और स्थानीय जनता, सेना और ITBP के अधिकारियों और जवानों को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने शिप्की-ला के सामरिक महत्व पर बल दिया और “भारत माता की जय” के नारों के साथ सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के जवानों में जोश भरा। मुख्यमंत्री शिप्की-ला में इंदिरा पॉइंट तक भी गए और सीमा का जायजा लिया।
‘सीमा पर्यटन’ का शुभारंभ:
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘सीमा पर्यटन’ का भी शुभारंभ किया। इससे पर्यटक भारत-चीन सीमा से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों की सुंदरता का अनुभव कर सकेंगे और स्थानीय लोगों की जीवनशैली, रहन-सहन, वेशभूषा, खानपान और व्यवसाय के बारे में जान पाएंगे। राजस्व और बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी भी इस मौके पर मौजूद रहे। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद यह पहल शुरू की गई है।
‘सीमा पर्यटन’ पर्यटकों को लेपचला, शिप्की-ला ग्यू मठ, खाना दुमटी, सांगला, रानी कंडा, छितकुल और लाहौल-स्पीति के चुनिंदा क्षेत्रों तक पहुंचने की सुविधा प्रदान करेगा। इससे हिमाचल के दूर-दराज के जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और क्षेत्र की अनूठी जनजातीय विरासत का संरक्षण करना भी है।

पहले इन क्षेत्रों में जाने के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती थी, लेकिन अब स्थानीय निवासी और पर्यटक वैध पहचान पत्र दिखाकर इन स्थानों पर जा सकते हैं। ITBP और सेना सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करेंगे।
यह पहल स्थानीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, पर्यटन के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने और दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों के लिए राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगी।
सुखविंदर सिंह सुक्खू इस स्थल पर पहुंचने वाले हिमाचल प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले, देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1968 में हिमाचल के तत्कालीन मुख्यमंत्री यशवंत सिंह परमार के साथ यहां आई थीं। उस समय शिप्की-ला पहुंचने के लिए सड़क मार्ग नहीं था।