संसद के एनेक्सी भवन में विदेश मामलों की स्थायी संसदीय समिति की बैठक में भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता के दावे पर सवाल उठाए गए। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट किया कि संघर्ष विराम किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से नहीं, बल्कि द्विपक्षीय बातचीत के ज़रिए हुआ है।
परमाणु खतरे की आशंका नहीं:
मिस्री ने समिति को बताया कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष हमेशा पारंपरिक क्षेत्र में रहा है और पाकिस्तान की ओर से कोई परमाणु संकेत नहीं मिला है। कुछ सांसदों ने पूछा कि क्या पाकिस्तान ने संघर्ष में चीन का सहारा लिया था? इस पर मिस्री ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमला किया है।
ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी:
विदेश सचिव ने समिति को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया है और आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया है।
समिति के सदस्य:

बैठक में समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद शशि थरूर, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, BJP सांसद रविशंकर प्रसाद, सतनाम सिंह, नवीन जिंदल, अपराजिता सारंगी, अरुण गोविल और आरपीएन सिंह शामिल थे। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद हुए सैन्य संघर्ष पर चर्चा हुई।
थरूर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल का अमेरिका दौरा:
पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए विदेश जाने वाले एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शशि थरूर ने कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल की ब्रीफिंग शुक्रवार को होगी। उन्होंने बताया कि कुछ टीमें पहले ही रवाना हो रही हैं, लेकिन उनका प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में मेमोरियल डे वीकेंड और संसद सत्र की देरी के कारण 24 मई को रवाना होगा। यह प्रतिनिधिमंडल गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और अंत में अमेरिका जाएगा।