नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून, 2025 को चुनौती देने वाली नई याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। ये याचिकाएं कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देती हैं। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ 5 मई को वक्फ कानून को चुनौती देने वाली मौजूदा याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इससे पहले 29 अप्रैल को भी सुप्रीम कोर्ट ने कानून को चुनौती देने वाली नई याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया था।

29 अप्रैल को पीठ ने अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 13 नई याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था। पीठ ने कहा कि “हम अब याचिकाओं की संख्या नहीं बढ़ाने जा रहे हैं। यह बढ़ती रहेगी और इसे संभालना मुश्किल हो जाएगा।” 17 अप्रैल को पीठ ने अपने समक्ष लंबित याचिकाओं में से केवल पांच पर सुनवाई करने का फैसला किया था। केंद्र ने पीठ को आश्वासन दिया था कि 5 मई तक ‘वक्फ बाय यूजर’ सहित वक्फ संपत्तियों को न तो गैर-अधिसूचित किया जाएगा और न ही केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में कोई नियुक्ति की जाएगी।
वक्फ कानून के खिलाफ लगभग 72 याचिकाएं दायर की गई हैं। इनमें AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB), जमीयत उलमा-ए-हिंद, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) और कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद की याचिकाएं शामिल हैं।
Pls read:SC: सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले की टेक्निकल पैनल रिपोर्ट सार्वजनिक करने से इनकार किया