नई दिल्ली: पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टेक्निकल पैनल की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी किसी भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया जाएगा.
कोर्ट ने कहा कि व्यक्तिगत आशंकाओं का समाधान किया जा सकता है, लेकिन तकनीकी पैनल की रिपोर्ट सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं बन सकती. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि यह जांचा जाएगा कि रिपोर्ट को किस हद तक प्रभावित व्यक्तियों के साथ साझा किया जा सकता है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जो व्यक्ति यह जानना चाहते हैं कि क्या उनकी जासूसी हुई है, उन्हें जानकारी दी जा सकती है, लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.
याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल ने एक अमेरिकी अदालत के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि व्हाट्सएप ने खुद ही हैकिंग का खुलासा किया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेगासस के अनधिकृत इस्तेमाल की जांच के लिए याचिकाओं पर अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी.
गौरतलब है कि 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए एक तकनीकी पैनल का गठन किया था. याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने 22 अप्रैल को मांग की थी कि इस पैनल की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, जिसे अब कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
मामले की पृष्ठभूमि:
2019 में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत सरकार ने नेताओं, मंत्रियों, पत्रकारों सहित लगभग 300 लोगों की जासूसी के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया था. यह मामला अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.
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