बोकारो: बीते सोमवार को ऑपरेशन डाकाबेड़ा में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। नक्सलियों ने पहले फायरिंग शुरू की और बड़े पत्थरों के पीछे छिपकर सुरक्षा बलों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। नक्सलियों ने 1500 से अधिक गोलियां चलाईं। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने लगभग 45 एके-47 राइफलों, एक एलएमजी, आधा दर्जन इंसास राइफल, एक हैंड ग्रेनेड और चार यूबीजीएल गोले दागे। कुल मिलाकर, सुरक्षा बलों ने 1858 राउंड गोलियां चलाईं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सीआरपीएफ के उप कमांडेंट अंजनी के नेतृत्व में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में सबसे पहले एक करोड़ का इनामी नक्सली प्रयाग और उसका सहयोगी साहेबराम मांझी मारा गया। प्रयाग के पास से एक लोडेड सिक्सर बरामद हुआ, जबकि साहेबराम के पास इंसास राइफल थी। 25 हजार के इनामी नक्सली अरविंद यादव उर्फ अविनाश के पास से एसएलआर, 120 राउंड जिंदा कारतूस और दो मैगजीन बरामद हुए। मारी गईं दो महिला नक्सलियों के पास से इंसास राइफल मिली। इस मुठभेड़ में कुल आठ नक्सली मारे गए, जबकि बाकी फरार हो गए।

पुलिस ने फरार दस नक्सलियों की पहचान कर ली है और मारे गए आठ तथा फरार दस नक्सलियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। मारे गए नक्सलियों में प्रयाग, अरविंद, साहेबराम, गंगाराम, महेश, तालो दी, महेश मांझी और रंजू मांझी शामिल हैं।
पुलिस ने मारे गए और फरार 18 नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिनमें प्रयाग मांझी, साहेबराम मांझी, अरविंद यादव, रामखेलावन गंझू उर्फ छोटा बिरसेन, अनुज महतो उर्फ सुभाष महतो उर्फ सहदेव महतो, चंचल उर्फ रघुनाथ हेम्ब्रम उर्फ द बिरसेन उर्फ हेमलाल हेम्ब्रम उर्फ करना, कुंवर मांझी उर्फ सहदेव मांझी, फुलचंद्र मांझी उर्फ राजू, विनोद हांसदा, गंगा उर्फ लंगड़ा, महेश, चंचल दी, राजू, महेश तुनीलाल, रंजू, अमन दा, सुनील और दयानंद उर्फ फलटुस कुमार शामिल हैं। इसके अलावा, दस-बारह अज्ञात नक्सलियों के भी इस मुठभेड़ में शामिल होने का संदेह है।
बोकारो एसपी मनोज स्वर्गियारी ने बताया कि दोनों ओर से चार घंटे तक चली गोलीबारी में लगभग 3500 राउंड गोलियां चलीं। सुरक्षा बलों ने 1500 से अधिक राउंड फायरिंग की। फरार नक्सलियों को पकड़ने के लिए छापेमारी और तलाशी अभियान जारी है। इस मामले की जांच बेरमो एसडीपीओ बीएन सिंह को सौंपी गई है।
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