छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 5 नक्सली मारे गए हैं। सुरक्षाबलों ने तीन दिन पहले एक बड़ा नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया था, जिसमें तेलंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के हजारों जवान शामिल हैं। तलाशी अभियान और मुठभेड़ अभी भी जारी है।
यह अभियान बस्तर क्षेत्र में शुरू किए गए सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियानों में से एक है। इसमें लगभग 10,000 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं, जिनमें जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, विशेष कार्य बल (एसटीएफ), राज्य पुलिस की सभी इकाइयाँ, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और कोबरा कमांडो शामिल हैं।
माओवादियों के सबसे मजबूत सैन्य संगठन, बटालियन नंबर 1, और माओवादियों की तेलंगाना राज्य समिति के वरिष्ठ सदस्यों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर यह अभियान शुरू किया गया था। यह अभियान कई दिनों तक चलने की संभावना है।
मुठभेड़ वाला इलाका घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा है और इसे माओवादियों की बटालियन नंबर 1 का गढ़ माना जाता है. जानकारी के अनुसार, बीजापुर में 5,000 से अधिक जवानों को नक्सलियों ने घेर लिया है. सुरक्षाबल इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी और उनके बुनियादी ढांचे को खत्म करने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं.
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