पंजाब में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसरों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दी है। इसके अलावा, 58 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने वाले मेडिकल ऑफिसर स्पेशलिस्ट को 65 साल की उम्र तक अनुबंध के आधार पर दोबारा नियुक्त किया जा सकेगा। उन्हें सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले वेतन के बराबर वेतन दिया जाएगा। इस फैसले से 41 प्रोफेसरों को लाभ मिलेगा, जो जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले थे।
विधानसभा में उठता रहा है डॉक्टरों की कमी का मुद्दा:
प्रत्येक विधानसभा सत्र में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा प्रमुखता से उठता रहा है। स्वास्थ्य मंत्री लगातार नई भर्तियों का आश्वासन देते रहे हैं, लेकिन भर्ती होने के बाद भी कई डॉक्टर निजी क्षेत्र या विदेश चले जाते हैं, जिससे समस्या बनी रहती है।
एडवोकेट जनरल कार्यालय में SC वकीलों के लिए आय सीमा में बदलाव:
मंत्रिमंडल ने एडवोकेट जनरल (एजी) कार्यालय में अनुसूचित जाति (SC) के वकीलों की नियुक्ति के नियमों में भी बदलाव किया है। SC वर्ग के वकीलों के लिए आय सीमा को आधा कर दिया गया है। उदाहरण के लिए, सीनियर एडवोकेट जनरल पद के लिए आय सीमा 20 लाख रुपये थी, जिसे घटाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। एजी टीम में SC वर्ग के लिए 58 पद आरक्षित हैं, लेकिन आय सीमा अधिक होने के कारण इन पदों पर नियुक्तियां नहीं हो पा रही थीं। वर्तमान में लगभग 15 पद रिक्त हैं।

राज्य के ब्लॉकों का पुनर्गठन:
प्रशासनिक दिक्कतों को देखते हुए राज्य के ब्लॉकों का पुनर्गठन करने का फैसला भी लिया गया है। कुछ ब्लॉक में केवल 25 गाँव हैं, जबकि कुछ में 100 से ज्यादा। इसके अलावा, आबादी में भी काफी अंतर है। कई ब्लॉक ऐसे हैं जिनका प्रशासनिक कार्य किसी एक जिले में होता है, जबकि ब्लॉक किसी दूसरे जिले में स्थित है। इससे कामकाज प्रभावित हो रहा था। इस समस्या को दूर करने के लिए पुनर्गठन किया जा रहा है।
अन्य फैसले:
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इको सिस्टम जोन का घेरा 100 मीटर किया जाएगा।
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नगर सुधार ट्रस्ट में वन टाइम सेटलमेंट (OTS) योजना को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत बकाया राशि पर लगा ब्याज माफ कर दिया गया है और कंस्ट्रक्शन फीस सहित दंडात्मक ब्याज में 50 प्रतिशत की छूट दी गई है।
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