केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। सरकार ने अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली किसी भी याचिका पर आदेश पारित करने से पहले सुनवाई का अनुरोध किया है।
वक्फ विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 10 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें राजनेता, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलमा-ए-हिंद भी शामिल हैं। ये याचिकाएं नए कानून की वैधता को चुनौती देती हैं।
7 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल को आश्वासन दिया कि याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर विचार किया जाएगा।
कैविएट क्या होती है?
सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल करना एक कानूनी प्रक्रिया है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति या संस्था अपने खिलाफ किसी मामले में कोई भी आदेश पारित होने से पहले अपना पक्ष रख सकता है ताकि एकतरफा फैसला न हो।
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