तरनतारन। 1990 से भगोड़ा घोषित आतंकी महल सिंह बब्बर की पाकिस्तान में मौत हो गई है. बब्बर पर पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की साज़िश रचने का भी आरोप था. पाकिस्तान में उसे बावा भट्टी के नाम से जाना जाता था और वह गुरुद्वारा तंबू साहिब (श्री ननकाना साहिब) में रह रहा था. उसका भाई सुखदेव सिंह भी एक आतंकी था, जो पहले ही मारा जा चुका है.
बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा था
महल सिंह और उसका भाई सुखदेव सिंह 1986 में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) में शामिल हो गए थे. दोनों पर कई आतंकी वारदातों में शामिल होने का आरोप था. 1989 में पुलिस ने दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया था.
बेअंत सिंह हत्याकांड का मास्टरमाइंड
बेअंत सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद, महल सिंह बब्बर को BKI का डिप्टी चीफ बनाया गया था. 1993 में वह पाकिस्तान भाग गया. उसे बेअंत सिंह हत्याकांड का मास्टरमाइंड माना जाता है.

फ्रांस से भागकर फिर पाकिस्तान आया
2002-03 में महल सिंह बब्बर को फ्रांस में देखा गया था. पंजाब पुलिस ने उसे भारत लाने की कोशिश की और उसका आपराधिक रिकॉर्ड इंटरपोल को भेजा. हालांकि, वह हवालात से बचकर वापस पाकिस्तान चला गया.
किडनी खराब होने से मौत
खुफिया सूत्रों के अनुसार, महल सिंह बब्बर पाकिस्तान के गुरुद्वारा तंबू साहिब में रहता था, जहाँ उसे सुरक्षा प्रदान की गई थी. किडनी खराब होने के कारण उसका लाहौर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहाँ सोमवार को उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि उसका अंतिम संस्कार लाहौर के बाबू साबू आबादी क्षेत्र के श्मशान घाट में किया जाएगा.
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