चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में गुरुवार को संत सीचेवाल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा शहीद भगत सिंह को भारत रत्न देने का प्रस्ताव लाना चाहते थे, लेकिन स्पीकर ने 15 दिन का नोटिस न देने का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया। इसके बाद कांग्रेस विधायक सदन से वॉकआउट कर गए। स्पीकर ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
सत्ता पक्ष की माफ़ी की मांग
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी दोनों पक्षों में बहस जारी रही। सत्ता पक्ष, प्रताप सिंह बाजवा से माफ़ी मांगने पर अड़ा रहा। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बाजवा ने गुरुओं का अपमान किया है और संत सीचेवाल गुरु नानक की तरह सेवा कर रहे हैं. कांग्रेस विधायकों ने एक बार फिर वॉकआउट किया।
चीमा ने निंदा प्रस्ताव की मांग की
चीमा ने कहा कि कांग्रेस के पास बजट पर बोलने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए वे अपनी बात कहकर भाग गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में भगत सिंह को भारत रत्न क्यों नहीं दिया? उन्होंने संतों के अपमान के लिए कांग्रेस के ख़िलाफ़ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की।
अरोड़ा ने बाजवा पर साधा निशाना
मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि अगर बाजवा भगत सिंह पर प्रस्ताव लाना चाहते हैं, तो उस पर चर्चा करवा लें। उन्होंने कहा कि बाजवा के अपने विधायक भी उनसे माफ़ी मांगने को कह रहे हैं। अरोड़ा ने सीचेवाल को संत या ठेकेदार बताने पर वोटिंग करवाने की बात कही।