बांदा, उत्तर प्रदेश। बांदा जिले में तीन युवतियों के साथ यौन शोषण का सनसनीखेज मामला सामने आया है. तीन कारोबारियों पर नौकरी का झांसा देकर युवतियों का शोषण करने का आरोप है. इस मामले में पुलिस की लापरवाही भी उजागर हुई है, क्योंकि दो दिन बीत जाने के बाद भी पीड़ित युवतियों का मेडिकल परीक्षण और बयान दर्ज नहीं किए गए थे.
पुलिस की देरी पर सवाल:
तीनों युवतियों ने 22 मार्च को शहर के तीन कारोबारियों के खिलाफ यौन शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने पुलिस को सबूत के तौर पर एक पेन ड्राइव भी सौंपी थी. इसके बावजूद, पुलिस ने दो दिन तक मामले को दबाए रखा और कोई कार्रवाई नहीं की. रिपोर्ट दर्ज होने के तीसरे दिन तक भी युवतियों का मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया था. इस देरी पर सवाल उठ रहे हैं. सीओ सिटी राजीव प्रताप सिंह ने बताया कि पीड़िताओं का मेडिकल परीक्षण और मजिस्ट्रेट के सामने बयान बुधवार को दर्ज कराए जाएंगे.
युवतियों के आरोप:
पीड़ित युवतियों ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया है कि कारोबारी आशीष अग्रवाल, स्वतंत्र साहू, और लोकेंद्र सिंह चंदेल ने उनके साथ दुष्कर्म किया और आपत्तिजनक वीडियो बनाए. आरोपी उन्हें वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते थे. युवतियों का कहना है कि आरोपी उन्हें जबरन शराब और सिगरेट पिलाते थे, नग्न करके नाचने के लिए मजबूर करते थे, और नशे की हालत में उनका यौन शोषण करते थे. युवतियों ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपियों ने और भी लड़कियों को अपना शिकार बनाया है, लेकिन वे डर की वजह से सामने नहीं आ रही हैं.
आरोपियों का पक्ष:

एक आरोपी, आशीष अग्रवाल, ने सभी आरोपों को निराधार बताया है. उसका कहना है कि वह पीड़ित युवतियों को जानता तक नहीं है और उसे झूठे मामले में फंसाया जा रहा है. बाकी दो आरोपियों, स्वतंत्र साहू और लोकेंद्र सिंह चंदेल, ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए हैं और फिलहाल उनका कोई बयान नहीं आया है. तहरीर में एक चौथे व्यक्ति, नवीन, का भी नाम है, लेकिन उसने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.
कैसे फंसी युवतियां:
तीनों युवतियां इंटर कॉलेज के समय से ही दोस्त हैं. उनका कहना है कि वे नवीन कुमार नाम के एक व्यक्ति के ज़रिए इन आरोपियों के संपर्क में आईं थीं. जब उन्हें शोषण का एहसास हुआ, तो उन्होंने आरोपियों से दूरी बनानी शुरू कर दी. उन्होंने नवीन कुमार को भी इस बारे में बताया, लेकिन उसने कोई मदद नहीं की.
पीड़िताओं और परिवारवालों की चुप्पी:
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से पीड़ित युवतियों और उनके परिवारवालों ने चुप्पी साध ली है. युवतियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनमें से दो ने फोन नहीं उठाया और एक के परिवार ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.
पुलिस जांच:
बांदा के एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि युवतियों द्वारा दी गई पेन ड्राइव और तहरीर के आधार पर मामले की जांच की जा रही है. मामले की जाँच सीओ सिटी कर रहे हैं. पीड़िताओं का मेडिकल परीक्षण और बयान दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही है.