शिमला: बिलासपुर गोलीकांड में घायल हुए पूर्व विधायक बंबर ठाकुर को आईजीएमसी शिमला से छुट्टी मिल गई है। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद, ठाकुर बैसाखियों के सहारे विधानसभा पहुंचे और मुख्यमंत्री को सुरक्षा की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा।
ठाकुर ने बताई हमलों की पूरी कहानी:
ज्ञापन में ठाकुर ने बताया कि 2022 के विधानसभा चुनाव से दो दिन पहले उनके बेटे ईशान ठाकुर पर हमला हुआ था। इसके बाद 25 फरवरी 2024 को उन पर जानलेवा हमला हुआ, जिसमें हरियाणा के एक शूटर कुलदीप उर्फ शिशु शामिल था। उन्हें 10 दिन के अंदर मारने की धमकी भी मिली थी। कुछ लोग घुमारवीं के जंगल में उनके पुतले पर फायरिंग का अभ्यास करते पकड़े गए थे, जिन्होंने कुलदीप और फांदी का नाम लिया था। उनकी गाड़ियों का पीछा किया गया और उन पर हमला करने की कोशिश की गई। 14 मार्च को उनके घर पर भी जानलेवा हमला हुआ।
बुलेटप्रूफ जैकेट की मांग:
ठाकुर ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को लगातार हमलों का खतरा बना हुआ है, इसलिए उन्होंने सरकार से खुद, अपने बेटे पुरंजन ठाकुर और ईशान ठाकुर के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट उपलब्ध कराने की मांग की है।
जम्वाल पर लगाए आरोप:
पत्रकारों से बातचीत में ठाकुर ने भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल पर निशाना साधा और पूछा कि वह इतने “तिलमिलाए” क्यों हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने जम्वाल को व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं कहा, सिर्फ “चिट्टा तस्करों का समर्थन बंद करने” के लिए कहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्वाल चुनाव जीतने के बाद उन्हीं शूटरों (फांदी और कुलदीप) के साथ जश्न मनाते दिखे थे।
जम्वाल ने बताया गैंगवार:
भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह “गैंगवार” है। पहले ये सभी एक ही ग्रुप में थे, लेकिन अब दो ग्रुप में बंटकर आपस में लड़ रहे हैं। उन्होंने ठाकुर पर “सरेआम शहर में गोली चलाने,” “मास्टरमाइंड” होने और “सुपारी कल्चर शुरू करने” का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ठाकुर के बेटे के “चिट्टा माफिया” से संबंध हैं और पुलिस ने उसे भगाया था, जिसमें कुछ पुलिस अधिकारी भी मिले हुए थे। उन्होंने कहा कि ठाकुर पर 30 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 3-4 हत्या के प्रयास के हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल आरोप हैं, और किसी को भी दोषी तब तक नहीं माना जा सकता जब तक अदालत उन्हें दोषी साबित न कर दे।
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