शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को टांडा मेडिकल कॉलेज को कम बजट मिलने और विधायक निधि के बजट को लेकर सवाल उठाए गए।
टांडा मेडिकल कॉलेज के बजट पर सवाल:
नगरोटा बगवां के कांग्रेस विधायक रघुवीर सिंह बाली ने टांडा मेडिकल कॉलेज की मरम्मत के लिए आईजीएमसी शिमला से कम बजट जारी करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज में आईजीएमसी से ज्यादा काम है, इसलिए बजट भी उसके बराबर होना चाहिए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अगर कॉलेज प्रशासन आरकेएस के माध्यम से काम करना चाहता है तो सरकार हस्तक्षेप नहीं करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि एक साल के भीतर आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज को अच्छी तरह विकसित किया जाएगा और टांडा मेडिकल कॉलेज में नए पदों का सृजन भी किया जाएगा।
विधायक निधि का मामला भी उठा:
जोगिंद्रनगर के विधायक प्रकाश राणा ने विधायक क्षेत्र विकास निधि का बजट जारी न होने का सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि उपायुक्त मंडी का कहना है कि उनके पास सात महीने से पैसा नहीं है। भाजपा विधायक हंसराज और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए। ठाकुर ने बताया कि उनकी निधि का पैसा लैप्स हो गया और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
CM ने कहा, पैसा लैप्स नहीं होता:
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि ट्रेजरी में कोई पैसा नहीं रुका है और अगर पैसा स्वीकृत नहीं होता है तो ही वह लैप्स होता है। उन्होंने विधायकों को सलाह दी कि वे बीडीओ कार्यालय से पता करें कि पैसा क्यों खर्च नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अगर पंचायत प्रधान एक महीने तक पैसा खर्च नहीं करते हैं तो टेंडर लगाया जाएगा। सीएम ने यह भी कहा कि ट्रेजरी को विधायकों की निधि रोकने के कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। अगर कहीं ऐसा है तो इसकी जांच की जाएगी।
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