वाशिंगटन: रूस-यूक्रेन युद्ध के अंत की संभावना तलाशते हुए, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों पर 30 दिनों के लिए हमले रोकने पर सहमत हुए हैं। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक घंटे से ज़्यादा चली फोन पर बातचीत के बाद लिया गया।
अमेरिका का प्रस्ताव:
अमेरिका ने रूस और यूक्रेन को 30 दिनों के लिए एक-दूसरे के ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमले बंद करने का प्रस्ताव दिया था, जिस पर पुतिन ने सहमति जताई। इस दौरान, पूर्ण संघर्ष विराम समझौते पर शांति वार्ता शुरू होगी।
पुतिन की शर्तें:
पुतिन ने शांतिपूर्ण समाधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, लेकिन 30 दिनों के व्यापक युद्धविराम को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि यूक्रेन इस समय का उपयोग सैनिकों को जुटाने और फिर से हथियारबंद करने के लिए कर सकता है। पुतिन ने ज़ोर दिया कि स्थायी शांति के लिए यूक्रेन को विदेशी सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी मिलना बंद होना चाहिए।
कैदी रिहाई:
दोनों नेताओं ने 175-175 युद्धबंदियों की रिहाई पर भी सहमति जताई। रूस 23 गंभीर रूप से घायल यूक्रेनी सैनिकों को कीव को सौंपेगा।
ट्रंप की प्रतिक्रिया:
ट्रंप ने बातचीत को “बहुत अच्छी” बताया और कहा कि वे पूर्ण युद्ध विराम और युद्ध के अंत के लिए तेज़ी से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने शांति समझौते के कई पहलुओं पर चर्चा की।
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया:
व्हाइट हाउस ने सीमित युद्धविराम को “शांति की दिशा में बड़ा कदम” बताया है।
यूक्रेन का रुख:
यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन इस योजना का समर्थन करता है या नहीं, हालाँकि पिछले सप्ताह यूक्रेनी अधिकारियों ने सऊदी अरब में अमेरिकी प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की थी, जिसमें 30 दिन के पूर्ण युद्धविराम का प्रस्ताव था.
आगे की बातचीत:
रूस और अमेरिका पूर्ण संघर्ष विराम समझौते पर शांति वार्ता के लिए विशेषज्ञ समूह बनाएंगे। काले सागर में नौवहन की सुरक्षा और पश्चिम एशिया के मुद्दे पर भी बातचीत होगी।
जेलेंस्की का बयान:
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं हो सकता और रूस को कब्ज़ा किए गए क्षेत्रों को वापस करना होगा। उन्होंने यूरोप को शांति वार्ता में शामिल करने की भी मांग की।
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