शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 17 मार्च को अपना तीसरा बजट पेश करेंगे. राज्य के कर्मचारी इस बजट से कई उम्मीदें लगाए बैठे हैं. कर्मचारी वर्ग की प्रमुख मांगों में 11% महंगाई भत्ता (डीए), एरियर, सेवानिवृत्ति आयु 58 से 60 वर्ष करना, अनुबंध कर्मचारियों का नियमितीकरण, और रिक्त पदों पर भर्ती शामिल हैं. राज्य में बड़ी संख्या में पेंशनर्स भी डीए, एरियर, और चिकित्सा भत्ते में वृद्धि की मांग कर रहे हैं. हिमाचल में लगभग 2.5 लाख नियमित कर्मचारी और 1.5 लाख पेंशनर्स हैं.
विभिन्न कर्मचारी वर्गों की उम्मीदें:
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शिक्षा विभाग: एसएमसी, कंप्यूटर और वोकेशनल टीचर नियमितीकरण या बेहतर मानदेय की मांग कर रहे हैं.
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अन्य: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा वर्कर, मिड-डे मील वर्कर, जल रक्षक, पैरा फिटर, पंप ऑपरेटर, दिहाड़ीदार, आउटसोर्स कर्मी, पंचायत कर्मचारी, राजस्व कर्मचारी, चौकीदार, सिलाई अध्यापिकाएं मानदेय बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं.
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निगम/बोर्ड कर्मचारी: पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग.
कर्मचारी महासंघों ने सौंपे ज्ञापन:
राज्य के दो अराजपत्रित कर्मचारी महासंघों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा है. मुख्यमंत्री ने मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है. हालांकि, अभी तक किसी भी महासंघ को सरकार से मान्यता नहीं मिली है.
कर्मचारी नेताओं के बयान:
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त्रिलोक ठाकुर (अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष): मुख्यमंत्री से मुलाकात कर 30 मांगों का ज्ञापन सौंपा है और उन्हें मांगें पूरी होने की उम्मीद है.
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प्रदीप ठाकुर (अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष): कर्मचारियों को डीए, एरियर, पुरानी पेंशन योजना, और विभिन्न वर्गों के लिए बेहतर मानदेय मिलने की उम्मीद है.
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आत्मा राम (पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष): पेंशनर्स डीए, एरियर, लंबित चिकित्सा बिलों के भुगतान, और 2016-2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए पेंशनर्स के लिए 50% बकाया राशि जारी होने की उम्मीद कर रहे हैं.
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