
आगरा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा में एक कार्यक्रम के दौरान “छत्रपति शिवाजी महाराज की जय” का नारा दिया, जिसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. बरसाने में लड्डू होली में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री सर्किट हाउस में युवा उद्यमियों को संबोधित करने पहुँचे थे. यहाँ उन्होंने कोई राजनीतिक बात नहीं की, लेकिन कार्यक्रम के अंत में “वृंदावन बिहारी लाल की जय” और फिर “छत्रपति शिवाजी महाराज की जय” के नारे लगाए.
चुनावी नारे के रूप में इस्तेमाल की संभावना
माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों में यह नारा “कंटेंगे तो बंटेंगे” की तर्ज पर इस्तेमाल किया जा सकता है. शिवाजी महाराज का आगरा के किले से ऐतिहासिक संबंध रहा है, जहाँ उन्होंने औरंगजेब के सामने अपना शौर्य प्रदर्शित किया था.
युवा उद्यमियों को संबोधित किया
मुख्यमंत्री ने ‘युवा उद्यमी विकास अभियान’ कार्यक्रम में उद्यमियों को ऋण और टूल किट वितरित किए. अपने 20 मिनट के भाषण में उन्होंने देश और प्रदेश की आर्थिक प्रगति, सुरक्षा व्यवस्था और उद्यमियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर बात की. इस दौरान उन्होंने कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं की.
आगरा और शिवाजी महाराज का संबंध
छत्रपति शिवाजी महाराज 1666 में औरंगजेब से मिलने आगरा आए थे. आगरा किले में दीवान-ए-खास के पास लगे एक शिलालेख में इस घटना का उल्लेख है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2020 में आगरा के मुग़ल म्यूज़ियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूज़ियम कर दिया था.
“कटेंगे तो बंटेंगे” नारे की याद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2024 में आगरा में वीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का अनावरण करते हुए औरंगजेब को “दुष्ट” कहा था और “कटेंगे तो बंटेंगे” का नारा दिया था, जो बाद में कई राज्यों के चुनावों में इस्तेमाल किया गया.
हाल ही में सपा नेता अबू आजमी के बयान पर भी मुख्यमंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. अब देखना होगा कि “छत्रपति शिवाजी महाराज की जय” का नारा आगामी चुनावों में कितना असरदार साबित होता है.
Pls read:Uttarpradesh: युवा उद्यमी योजना से 20 लाख रोजगार सृजित होंगे- सीएम योगी