दुबई। रविवार को दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में न्यूजीलैंड के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारतीय टीम का पलड़ा भारी माना जा रहा है। 16 फरवरी से दुबई में मौजूद भारतीय टीम ने लीग मैचों में बांग्लादेश, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड को, और सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में जगह बनाई है. टीम ने दुबई की तीन अलग-अलग पिचों पर खेलकर परिस्थितियों को अच्छी तरह समझ लिया है और अपने पाँच स्पिनरों के साथ धीमी पिचों का फ़ायदा उठाने की रणनीति अपनाई है. पिछले दो मैचों में भारत ने चार स्पिनरों को खिलाया है.
हालांकि, इतिहास भारत के पक्ष में नहीं है. साल 2000 में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को हराया था, और 2021 के WTC फाइनल में भी न्यूजीलैंड विजयी रहा था.
न्यूजीलैंड ने टूर्नामेंट की शुरुआत पाकिस्तान में अभ्यास मैच में अफगानिस्तान को और फिर पहले मैच में पाकिस्तान को हराकर की थी. उन्होंने बांग्लादेश को भी हराया, लेकिन दुबई में भारत के खिलाफ लीग मैच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इस मैच में भारत ने 249 रन बनाए थे और न्यूजीलैंड 205 रन पर ऑल आउट हो गया था. हालांकि, सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान में दक्षिण अफ्रीका को हराकर फाइनल में प्रवेश किया.
दुबई और पाकिस्तान की पिचों में काफी अंतर है. न्यूजीलैंड की टीम गुरुवार को दुबई पहुँची है, जबकि भारतीय टीम लगभग 20 दिनों से यहाँ है और उसे रिकवरी के लिए समय भी मिला है. न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज मैट हेनरी की फिटनेस भी चिंता का विषय है.
न्यूजीलैंड के बल्लेबाज रचिन रवींद्र, जिन्होंने सेमीफाइनल में शतक लगाया था, ने कहा कि उन्हें दुबई की पिच के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि टीम परिस्थितियों के अनुसार खेलने की कोशिश करेगी. रवींद्र इस टूर्नामेंट में दो शतक लगा चुके हैं, लेकिन भारत के खिलाफ लीग मैच में वह सिर्फ 6 रन बना सके थे. भारत को फाइनल में उनसे सावधान रहना होगा.
न्यूजीलैंड के कप्तान डेरिल मिचेल ने कहा कि फाइनल एक नया मैच होगा और वे चुनौती के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि भारत को एक ही जगह पर खेलने का फ़ायदा हो सकता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा होता रहता है.
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