Punjab: किसानों का चंडीगढ़ कूच, पुलिस ने रोका, शहर में सुरक्षा कड़ी

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चंडीगढ़, [5.3.2025] – संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा आज चंडीगढ़ में आयोजित विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। किसानों के चंडीगढ़ पहुँचने से पहले ही पुलिस ने उन्हें विभिन्न स्थानों पर रोक लिया है, जिससे शहर में प्रवेश करने वाले मार्गों पर यातायात प्रभावित हुआ है और जीरकपुर-चंडीगढ़ मार्ग पर लंबा जाम लग गया है। पुलिस द्वारा वाहनों की सघन जाँच भी की जा रही है।

प्रदर्शनकारियों को रोका गया, पंजाब में शांति:

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। रोपड़ रेंज के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर ने बताया कि पंजाब में स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है और किसानों को विभिन्न स्थानों पर रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्वक धरने पर बैठे हैं और यातायात सामान्य है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि किसानों को किसी भी कीमत पर चंडीगढ़ में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। मुक्तसर से चंडीगढ़ की ओर बढ़ रहे किसानों को भी पुलिस ने भलाईआना गांव के पास रोक लिया है। पटियाला में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

सुरक्षा जाँच और यातायात व्यवस्था:

चंडीगढ़ के मुल्लापुर बैरियर पर पुलिस तैनात कर दी गई है और पंजाब से आने वाले प्रत्येक वाहन की जाँच की जा रही है। चंडीगढ़ की एसपी गीतांजलि खंडेलवाल ने बताया कि शहर की सभी सीमाओं पर पुलिस बल तैनात किया गया है और बैरिकेडिंग की गई है। उन्होंने कहा कि यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए रूट डायवर्जन किया गया है और लोगों को कम से कम असुविधा हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

किसान नेताओं के बयान:

एसकेएम के नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि 18 जिलों में प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं और अमृतसर में 21 स्थानों पर मुख्यमंत्री भगवंत मान के पुतले जलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ है और शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। उन्होंने गिरफ्तार किए गए सभी किसानों की रिहाई की मांग की है।

किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता गुरबचन सिंह छाबा ने भगवंत मान सरकार पर किसानों के साथ बैठक छोड़कर जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी करवा रही है और उन्हें नजरबंद कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार किसानों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है और केंद्र के हाथों में खेल रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है और उनकी मांगें पूरी की जानी चाहिए।

आगे की संभावनाएं:

किसानों और सरकार के बीच गतिरोध जारी रहने की संभावना है। किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और सरकार सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। आने वाले दिनों में स्थिति किस ओर जाती है, यह देखना होगा। यह घटना पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।

 

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