
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के बिल वसूलने पर रोक लगा दी है। अब ग्रामीण इलाकों में लोगों को मुफ्त में पानी मिलेगा। यह फैसला मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिया गया।
पिछले साल लगाया था शुल्क:
पिछले साल सितंबर में जयराम सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में 100 रुपये प्रतिमाह पानी का बिल लेने का फैसला किया था, जो 1 अक्टूबर से लागू हुआ था। अब सुक्खू सरकार ने इस फैसले को पलट दिया है। जल शक्ति विभाग ने अपने फील्ड अधिकारियों को नए निर्देशों का पालन करने को कहा है। हालांकि, शहरी क्षेत्रों में पानी का बिल पहले की तरह ही देना होगा।
पहले जमा हुए बिलों का क्या होगा?:
कई जल शक्ति मंडलों ने लोगों को तीन महीने का बिल एक साथ जारी कर दिया था, जिसे कई लोगों ने जमा भी करवा दिया था। सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों ने बिल जमा कर दिया है, उन्हें वह राशि वापस नहीं मिलेगी। हालांकि, इस बारे में सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
आर्थिक तंगी का दिया था हवाला:
पिछली सरकार ने पानी का बिल वसूलने के फैसले के पीछे राज्य की आर्थिक तंगी का हवाला दिया था। राज्य मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी, लेकिन कोई फैसला नहीं हो पाया था।
कुछ वर्गों को पहले से ही मिली थी छूट:
अक्टूबर 2024 में जारी अधिसूचना में जल शक्ति विभाग ने विधवा, बेसहारा महिलाओं, अनाथ और दिव्यांगों को पानी के बिल से छूट दी थी। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के मीटर न लगाने के निर्देश भी दिए गए थे।
होम स्टे, सरकारी संस्थानों को देना होगा बिल:
होम स्टे, सरकारी संस्थानों, अस्पतालों, स्कूलों, धर्मशालाओं, ढाबों, दुकानों, वॉशिंग सेंटर, निजी स्कूलों, निजी अस्पतालों, रेस्तरां और सामान्य होटलों के लिए पानी की नई दरें तय की गई थीं, जिनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इन सभी को पहले की तरह ही पानी का बिल देना होगा।
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