Himachal: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने IIT मंडी के 16वें स्थापना दिवस समारोह में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर दिया ज़ोर

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मंडी: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मंडी ने शनिवार को अपना 16वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। IIT मंडी की स्थापना 2009 में हुई थी। अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के महत्व पर ज़ोर दिया।

“मेरे लिए सौभाग्य की बात”

राजनाथ सिंह ने कहा, “अपने सार्वजनिक जीवन में मैं पहली बार किसी संस्थान के स्थापना दिवस पर आया हूँ। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैंने सोचा था कि यह एक सामान्य कार्यक्रम होगा, लेकिन यहाँ आकर मैं कह सकता हूँ कि यह मेरे लिए एक सुखद आश्चर्य है।”

उन्होंने आगे कहा, “राजनीति में आने से पहले मैं भौतिकी का शिक्षक था। पढ़ने में कमज़ोर नहीं था। जब यहाँ लोग मुझसे चर्चा कर रहे थे, तो मुझे अपने विश्वविद्यालय के दिन याद आ गए। एक शिक्षक हमेशा शिक्षक ही रहता है।”

मंडी के ऐतिहासिक महत्व का उल्लेख

रक्षा मंत्री ने कहा, “IIT मंडी को दुनिया में जिस स्थान पर पहुँचाया है, उसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं। यहाँ आने के लिए मैंने अपने कुछ कार्यक्रम स्थगित किए। यह संस्थान अध्यात्म और तकनीक का संगम है। महाभारत काल से लेकर बौद्ध काल तक, मंडी किसी न किसी रूप में जाना जाता रहा है। ऐसे स्थान पर IIT का होना एक प्रतीक है।”

शिक्षा और राष्ट्र निर्माण

उन्होंने कहा, “किसी भी शिक्षण संस्थान का विजन विद्यार्थियों को राष्ट्र के लिए तैयार करना होता है। IIT मंडी का विजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनना है। समाज के विकास के लिए इनोवेशन और नए विचारों को प्रोत्साहित करना ज़रूरी है। इसके लिए IIT जैसे संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”

टेक्नोलॉजी को अपनाने पर ज़ोर

राजनाथ सिंह ने कहा, “2024 में 5.44 बिलियन लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे थे। पूरी दुनिया भारत की टेक्नोलॉजी को अपना रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था के 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने की संभावना है। 1.25 लाख स्टार्टअप्स और मज़बूत इकोसिस्टम के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब है।”

उन्होंने आगे कहा, “2024 में भारत में 245 लाख करोड़ रुपये के UPI ट्रांज़ैक्शन हुए, जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है। हम टेक्नोलॉजी को अपना रहे हैं और नवाचार में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। मेरा संदेश सभी IITs के लिए है – रोबोटिक्स, ड्रोन, क्वांटम या अन्य तकनीकों में बहुत कुछ करने की संभावना है, आप पीछे न हटें।”

“ये दिल मांगे मोर”

रक्षा मंत्री ने IIT मंडी के अब तक के कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “पूत के पाँव पालने में ही दिख जाते हैं। IIT मंडी ने जो काम किया है, उससे दिखता है कि इसका भविष्य उज्जवल है। मुझे उम्मीद है कि IIT मंडी मेडिटेशन और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में और अधिक काम करेगा। आप रक्षा क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं, लेकिन ‘ये दिल मांगे मोर’।”

 

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