Uttarakhand: बजट 2025-26: आध्यात्मिक पर्यटन, नए शहर और युवा सशक्तिकरण पर फोकस

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देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में गुरुवार को वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने राज्य का बजट पेश किया। लगभग ₹1 लाख करोड़ के इस बजट में आध्यात्मिक पर्यटन, नए शहरों का विकास, महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार सृजन, और ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह पुष्कर सिंह धामी सरकार का चौथा बजट है और इसमें जनाकांक्षाओं को पूरा करने के साथ-साथ राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने पर ज़ोर दिया गया है।

चुनौतियाँ और संकल्प:

धामी सरकार के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 कई चुनौतियों से भरा है। पिछले वर्ष चुनाव, प्राकृतिक आपदाओं और आचार संहिता के कारण विकास कार्यों में बाधा आई थी। इसके बावजूद, मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को पाँच वर्षों में दोगुना कर ₹5.5 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। नया बजट इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल द्वारा पेश किया गया बजट 2025-26 राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह बजट न केवल वित्तीय प्रबंधन पर केंद्रित है, बल्कि राज्य की आर्थिक दिशा, नीतियों और सामाजिक कल्याण को आकार देने का एक माध्यम भी है।

बजट का आकार और वृद्धि:

  • बजट का कुल आकार लगभग ₹1,01,175.33 करोड़ है।

  • यह पिछले बजट (₹89,230.07 करोड़) से लगभग 13% अधिक है।

  • यह पहली बार है जब उत्तराखंड का बजट ₹1 लाख करोड़ के पार गया है।

  • राज्य गठन के बाद 2001-02 में पेश किए गए बजट (₹4,506 करोड़) से यह लगभग 24 गुना अधिक है।

जेंडर बजट:

जेंडर बजट में लगभग 16.68% की वृद्धि के साथ ₹16,961.32 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट का फ्रेमवर्क:

यह बजट इकॉलोजी, इकोनॉमी, इनोवेशन, टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबल और समावेशी विकास तथा जवाबदेही के सिद्धांतों पर आधारित है।

नई योजनाएं:

बजट में कई नई योजनाएं शामिल की गई हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • वेंचर फंड की स्थापना

  • रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना

  • प्रवासी उत्तराखंड परिषद

  • स्मार्ट सिटी में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन

  • खेल विश्वविद्यालय की स्थापना

  • होमगार्ड कल्याण कोष

बजट का थीम:

बजट का थीम “नमो” (नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत, ओजस्वी मानव संसाधन) है।

“सप्तऋषि”:

आत्मनिर्भर उत्तराखंड के लिए बजट में “सप्तऋषि” की अवधारणा दी गई है, जो राज्य के विकास के सात प्रमुख इंजन हैं:

  1. कृषि

  2. उद्योग

  3. ऊर्जा

  4. अवसंरचना

  5. संयोजकता

  6. पर्यटन

  7. आयुष

महान विरासत का संरक्षण:

बजट में राज्य की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, जैसे तीर्थ स्थलों के लिए सड़क संयोजकता, हरिद्वार और ऋषिकेश का पुनर्विकास, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन।

ओजस्वी मानव संसाधन:

मानव संसाधन विकास के लिए बजट में उत्तराखंड वेंचर फंड, उद्यमिता को प्रोत्साहन, खेल सुविधाओं का विकास, और शिक्षा को बढ़ावा देने जैसी योजनाएं शामिल हैं।

“ज्ञान” पर ज़ोर:

बजट में “ज्ञान” (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी) के कल्याण पर विशेष ज़ोर दिया गया है और इन वर्गों के लिए कई योजनाओं का प्रावधान किया गया है।

वित्तीय प्रबंधन:

सरकार ने वित्तीय प्रबंधन पर ज़ोर देते हुए राज्य की आय बढ़ाने और केंद्र से धनराशि प्राप्त करने के लिए प्रयास करने की बात कही है।

पूंजीगत व्यय:

पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण को प्राथमिकता देते हुए बजट में ₹4,763.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

आधारभूत संरचना:

बजट में जल जीवन मिशन, सड़क निर्माण, और अन्य आधारभूत संरचना परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की गई है।

यह बजट उत्तराखंड के भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

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