
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा सत्र की अवधि को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ़ बजट पारित कराने में रुचि रखती है और राज्य के विकास व जनहित के मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है। उन्होंने कहा कि सत्र की अवधि लगातार कम की जा रही है, जिसे विपक्ष बर्दाश्त नहीं करेगा।
विपक्ष की मांग: सत्र की अवधि बढ़ाई जाए
यशपाल आर्य ने मांग की है कि सत्र की अवधि बढ़ाई जाए ताकि विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में उठा सकें। उन्होंने बताया कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष ने कम से कम दो सप्ताह तक सत्र चलाने का आग्रह किया था, लेकिन सरकार ने संख्या बल के आधार पर अपनी बात मनवा ली। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सत्र की अवधि नहीं बढ़ाई गई तो कांग्रेस सदन से सड़क तक विरोध करेगी।
राज्यपाल के अभिभाषण पर भी निशाना
नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण को सरकार का रोडमैप बताते हुए कहा कि इसमें पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं का कोई ज़िक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन में भू-कानून, स्मार्ट मीटर, गन्ना किसानों के भुगतान, आपदा प्रभावितों के पुनर्वास, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों को उठाएगा।
निर्दलीय विधायक ने भी उठाई मांग
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी मूल निवास और भू-कानून लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर ये कानून लागू होते हैं तो राज्य में माफ़ियाओं से ज़मीन बचाई जा सकती है और लूट-खसोट पर रोक लग सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की जनभावनाओं के अनुरूप काम होना चाहिए।
मुख्य मुद्दे:
-
विपक्ष का आरोप: सरकार बजट पारित कराने में ही रुचि रखती है, जनहित के मुद्दों पर चर्चा से बच रही है.
-
सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग, कम से कम दो सप्ताह तक सत्र चलाने का आग्रह।
-
राज्यपाल के अभिभाषण में महत्वपूर्ण मुद्दों का अभाव।
-
भू-कानून, स्मार्ट मीटर, गन्ना किसानों का भुगतान, आपदा प्रभावितों का पुनर्वास, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों को उठाने की बात।
-
मूल निवास और भू-कानून लागू करने की मांग।
Pls read:Uttarakhand: उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून को मिली कैबिनेट की मंज़ूरी