
कोलकाता: आरजी कर रेप और हत्या मामले में दोषी संजय रॉय को सियालदह की विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
राज्य सरकार का मानना है कि संजय रॉय को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी। एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने सियालदह कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि उम्रकैद की सजा पर्याप्त नहीं है।
संजय रॉय ने खुद को बताया निर्दोष:
सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच संजय रॉय को अदालत में पेश किया गया। पीड़िता के माता-पिता भी मौजूद थे। सुनवाई के दौरान संजय ने खुद को निर्दोष बताया और फंसाए जाने का आरोप लगाया।

सजा से पहले दिया गया था बोलने का मौका:
न्यायाधीश ने सजा सुनाने से पहले संजय रॉय को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था और उनके परिवार से संपर्क के बारे में पूछा था, जिसका संजय ने नकारात्मक जवाब दिया था।
50,000 रुपये का जुर्माना:
सियालदह अदालत ने संजय रॉय को उम्रकैद की सजा के साथ 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा, पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजे और 7 लाख रुपये अतिरिक्त राशि देने का आदेश दिया गया है।
Pls read:Delhi: गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगी स्वदेशी मिसाइल ‘प्रलय’