देहरादून: उत्तराखंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को जल्द ही पेंशन मिलने की उम्मीद है. राज्य सरकार उनकी सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाने जा रही है. महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में जल्द प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं. पेंशन की राशि 3000 से 5000 रुपये प्रति माह हो सकती है.
40 हज़ार से ज़्यादा कार्यकर्ता और सहायिकाएं:
उत्तराखंड में 40 हज़ार से ज़्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं काम कर रही हैं, जो लंबे समय से पेंशन की मांग कर रही थीं. राज्य की स्थापना के 25 साल पूरे होने के मौके पर सरकार ने यह फैसला लिया है.
तीन प्रारूपों पर विचार:
मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि केंद्र सरकार की तीन पेंशन योजनाओं के आधार पर तीन अलग-अलग प्रारूप तैयार किए जा रहे हैं. इन प्रारूपों को कैबिनेट में पेश किया जाएगा और उनमें से एक को चुना जाएगा.
महिला कल्याण कोष की नियमावली पर नाराज़गी:
मंत्री आर्या ने महिला कल्याण कोष की नियमावली अभी तक तैयार न होने पर नाराज़गी जताई और अधिकारियों को अगली कैबिनेट बैठक से पहले इसे तैयार करने के निर्देश दिए.
आंगनबाड़ी भर्ती के लिए 20,000 आवेदन:
ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के 7038 पदों के लिए भर्ती चल रही है. अभी तक 20,000 से ज़्यादा महिलाओं ने आवेदन किया है और 31 जनवरी तक यह संख्या एक लाख तक पहुँच सकती है.
नंदा-गौरा योजना के लिए 15 जनवरी तक आवेदन:
नंदा-गौरा योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 जनवरी कर दी गई है. अभी तक इस योजना के लिए 36,000 आवेदन आए हैं.
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