नई दिल्ली, 10 दिसंबर, 2024: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी कैबिनेट में एक और भारतीय-अमेरिकी को शामिल करते हुए भारतीय-अमेरिकी वकील हरमीत के ढिल्लों को न्याय विभाग में नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति ट्रम्प प्रशासन में भारतीय-अमेरिकियों की बढ़ती प्रभावशाली भूमिका को दर्शाती है।
ट्रम्प ने सोमवार को इस नियुक्ति की घोषणा करते हुए एक पोस्ट में कहा, “मुझे अमेरिकी न्याय विभाग में नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में हरमीत के ढिल्लों को नामित करते हुए खुशी हो रही है। अपने पूरे करियर के दौरान, हरमीत हमारी प्रतिष्ठित नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए लगातार खड़ी रही हैं। हरमीत अमेरिका की टॉप वकीलों में से एक हैं। वह डार्टमाउथ कॉलेज और वर्जीनिया यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल से स्नातक हैं।”
ट्रम्प ने आगे कहा कि ढिल्लों ने मुक्त भाषण पर रोक लगाने के लिए तकनीकी कंपनियों की आलोचना की है और उन ईसाइयों का प्रतिनिधित्व किया है जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान एक साथ प्रार्थना करने से रोका गया था। उन्होंने यह भी कहा कि हरमीत सिख समुदाय की एक सम्मानित सदस्य हैं और न्याय विभाग में हमारे संवैधानिक अधिकारों की अथक रक्षक होंगी। वे हमारे नागरिक अधिकारों और चुनाव कानूनों को निष्पक्ष और दृढ़ता से लागू करेंगी।
हरमीत के ढिल्लों ने अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं नामांकित होने और ट्रम्प के अटॉर्नी जनरल चुने गए पाम बॉन्डी के नेतृत्व में वकीलों की एक अविश्वसनीय टीम का हिस्सा बनने के लिए बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं।”
ट्रम्प कैबिनेट में चौथी भारतीय-अमेरिकी:
हरमीत के ढिल्लों का जन्म चंडीगढ़ में हुआ था और वे बचपन में ही अपने माता-पिता के साथ अमेरिका चली गई थीं। वह ट्रम्प के 2.0 कैबिनेट में शामिल होने वाली चौथी भारतीय मूल की व्यक्ति हैं। इससे पहले, गुजराती मूल के 44 वर्षीय काश पटेल, तुलसी गबार्ड और विवेक रामास्वामी को भी ट्रम्प प्रशासन में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्तियाँ भारतीय-अमेरिकी समुदाय की बढ़ती राजनीतिक भागीदारी और प्रभाव को दर्शाती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि हरमीत के ढिल्लों न्याय विभाग में अपनी भूमिका में किस प्रकार योगदान देंगी और अमेरिका के नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए क्या पहल करेंगी।
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