Uttarpradesh: फतेहपुर में नाला निर्माण के लिए नूरी जामा मस्जिद का हिस्सा तोड़ा, कोर्ट की अवमानना का आरोप – The Hill News

Uttarpradesh: फतेहपुर में नाला निर्माण के लिए नूरी जामा मस्जिद का हिस्सा तोड़ा, कोर्ट की अवमानना का आरोप

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फतेहपुर, 10 दिसंबर, 2024: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में नाला निर्माण कार्य के लिए ललौली कस्बे के सदर बाजार स्थित नूरी जामा मस्जिद के पिछले हिस्से को मंगलवार सुबह ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई अपर जिलाधिकारी (एडीएम) अविनाश त्रिपाठी और अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विजयशंकर मिश्र की मौजूदगी में हुई। कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल, जिसमें पीएसी भी शामिल थी, तैनात रहा।

मस्जिद कमेटी को पीडब्ल्यूडी विभाग ने 24 सितंबर, 2024 को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। यह नोटिस नाला निर्माण के लिए किए गए सर्वे के बाद जारी किया गया था, जिसमें मस्जिद के अलावा 133 मकान और दुकानें भी अतिक्रमण की जद में पाई गई थीं। मस्जिद कमेटी ने अतिक्रमण हटाने के लिए एक महीने का समय मांगा था, लेकिन एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई की।

एएसपी विजयशंकर मिश्र ने बताया कि कार्रवाई के दौरान शांति व्यवस्था बनी रही और केवल अतिक्रमण वाले हिस्से को ही ध्वस्त किया गया है। हालांकि, मस्जिद कमेटी के सचिव सेय्यद नूरी ने इस कार्रवाई को कोर्ट की अवमानना बताया। उन्होंने बताया कि उन्होंने नोटिस के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई 13 दिसंबर को होनी थी। उनका कहना है कि सुनवाई से पहले ही मस्जिद का हिस्सा तोड़ दिया जाना न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है।

कानपुर में भी अवैध कब्जे हटाए गए:

इसके अलावा, कानपुर में कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने गंगागंज पनकी और शताब्दी नगर में भूखंडों और सड़कों पर बने 27 अवैध निर्माणों को गिराया। इस दौरान कुछ लोगों ने विरोध किया और पेड़ों के कटने पर हंगामा भी हुआ। केडीए के अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग से पेड़ों को काटने की अनुमति ली गई थी। उन्होंने चेतावनी दी है कि भविष्य में फिर से अवैध कब्जा करने वालों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

फतेहपुर में हुई कार्रवाई ने एक बार फिर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाइयों को लेकर विवाद को जन्म दिया है। मस्जिद कमेटी द्वारा कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाए जाने से यह मामला और भी पेचीदा हो गया है। यह देखना होगा कि उच्च न्यायालय इस मामले में क्या निर्णय देता है और आगे क्या कार्रवाई होती है। कानपुर में भी अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है। हालांकि, इस तरह की कार्रवाइयों को करते समय कानूनी प्रक्रिया का पालन करना और लोगों को पर्याप्त नोटिस देना अत्यंत आवश्यक है ताकि विवादों से बचा जा सके।

 

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