यह एक ऐसी कहानी है जो साहस, समर्पण और देशभक्ति की मिसाल पेश करती है। साल 2021 में कुन्नूर हेलीकॉप्टर क्रैश में अपने पति स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह राव को खोने वाली वीरांगना यश्विनी ढाका ने अपने पति से किया वादा निभाते हुए वायु सेना में लेफ्टिनेंट बन गई हैं।
पति की आखिरी यात्रा में किया था वादा:
कुलदीप सिंह राव की आखिरी यात्रा में यश्विनी ढाका ने सेना में शामिल होने का वादा किया था। कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प के साथ उन्होंने एसएसबी की पांच दिवसीय परीक्षा और मेडिकल टेस्ट पास किया। इसके बाद चेन्नई स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी में 11 महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
सपना हुआ सच:
सात सितंबर को चेन्नई में कुल 297 भारतीय कैडेटों का 11 महीने का प्रशिक्षण पूरा हुआ, जिसमें 258 पुरुष और 39 महिलाएं शामिल थीं। इन कैडेटों को वायु सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन मिला, जिनमें वीरांगना यश्विनी ढाका भी शामिल थीं।
यह तो बस शुरुआत है:
लेफ्टिनेंट बनने पर यश्विनी ढाका ने कहा, “यह अंत नहीं है, यह तो बस शुरुआत है।” उन्होंने अपने पति के सपने को पूरा करके साबित किया कि महिलाएं भी किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती हैं।
प्रशिक्षण में शामिल विदेशी सैन्यकर्मी:
इन कैडेटों के साथ मालदीव सशस्त्र बलों के छह अधिकारी समेत 15 विदेशी सैन्य कर्मियों को भी प्रशिक्षण मिला है।
यश्विनी ढाका की कहानी वीरता और दृढ़ संकल्प की एक प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने न केवल अपने पति के सपने को पूरा किया, बल्कि महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गई हैं।
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