मुनस्यारी (खबर): उत्तराखंड के बंगापानी तहसील के बिंदी गांव में सोमवार रात्रि हुई वर्षा से भारी भूस्खलन हुआ है। गांव के बीचों-बीच पहाड़ी दरक जाने से 10 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। ग्रामीण 2019 में आई आपदा की पुनरावृत्ति की आशंका से सहमे हुए हैं।
पहाड़ी दरकने से 10 परिवारों के मकान खतरे में:
टांगा ग्राम सभा के अंतर्गत आने वाला बिंदी गांव पहाड़ी की ढलान पर बसा हुआ है। सोमवार रात्रि क्षेत्र में हुई भारी वर्षा से गांव के बीचों-बीच पहाड़ी दरक गई। जिस स्थान पर पहाड़ी दरकी उसके दोनों ओर दर्जन भर मकान बने हुए हैं। देवयोग से पहाड़ी का मलबा किसी मकान पर नहीं गिरा। भूस्खलन से गांव में रहने वाले दुर्गा सिंह सुयाल, पुष्कर सिंह सुयाल, कुंवर सिंह सुयाल, केदार सिंह सुयाल, आनंद सिंह, राम सिंह सहित 10 लोगों के मकान खतरे की जद में आ गए हैं। दोबारा पहाड़ी दरकी तो मकानों को बचा पाना संभव नहीं होगा।
2019 की आपदा की याद ताज़ा:
पहाड़ी दरकने से ग्रामीण सहमे हुए हैं। वर्ष 2019 में इस गांव में आई आपदा में 11 लोग बह गए थे। ग्रामीणों को आपदा पुनरावृत्ति की आशंका सता रही है। ग्रामीणों ने अविलंब गांव का भ्रमण कर उनकी सुरक्षा के प्रबंध किए जाने की मांग प्रशासनिक अधिकारियों से की है।
पिथौरागढ़ में भी मलबा आने से सड़क बंद:
बंद सीमांत जिले पिथौरागढ़ में मंगलवार को मुनस्यारी-धापा मिलम बार्डर रोड चिलमधार के पास मलबा आने से बाधित रही। जिले में 17 ग्रामीण मोटर मार्ग अभी भी बंद पड़े हैं। सीमांत तहसीलों में हो रही बारिश के चलते नदियों के जल स्तर में कमी नहीं आ रही है। काली नदी का जल स्तर अभी भी चेतावनी लेवल से थोड़ा ही नीचे है।
प्रशासन की कार्रवाई की मांग:
प्रशासन से अपील की जा रही है कि वह भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में तेजी लाए। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्थायी उपाय किए जाएं।
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