
रामपुर बुशहर। हिमाचल प्रदेश के समेज में बादल फटने के बाद से लापता हुए 33 लोगों में से 15 लोगों के शव मिल गए हैं। शुक्रवार को पांच शव मिले हैं, जिसमें से चार सुन्नी तो एक शव नोगली के पास मिला है। उपमंडल रामपुर के समेज में 31 जुलाई की रात से विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है। आज 9 दिन बाद भी बिजली की सप्लाई बहाल नहीं हो पाई है।
हालांकि, विद्युत बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी युद्ध स्तर पर बिजली बहाल करने में डटे हुए हैं, लेकिन बाढ़ में बोर्ड के ट्रांसफर्मर, बिजली के खंबे और तारें बह जाने के बाद सारा काम नए सिरे से करना पड़ रहा है। इस घटना में कुल 36 लोग लापता हुए थे, जिसमें से तीन कुल्लू के बागीपुल तो 33 शिमला के समेज के शामिल हैं।
9 दिनों से बिजली न होने से ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। रात के समय तो दिक्कतें और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं, लेकिन दिन में भी प्रभावितों की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं।

ग्रामीण अपने रिश्तेदारों से बात करने के लिए जनरेटर की मदद से मोबाइल चार्ज करने को मजबूर हैं। इसके लिए भी ग्रामीणों को कई-कई घंटे अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि एक समय में दर्जनों मोबाइल जनरेटर से चार्ज किए जा रहे हैं।
दिन तो जैसे तैसे कट जाता है, लेकिन रात होने पर दिक्कतें बढ़ जाती है। रात में एक तो अंधेरा और दूसरा बार-बार हो रही बारिश ग्रामीणों को और अधिक डरा रही है।
अब तक केवल 4 शवों की हुई पहचान
समेज त्रासदी के बाद चल रहे सर्च ऑपरेशन में गुरुवार को नोगली में एक महिला का शव बरामद हुआ है। रेस्क्यू टीम ने शव को कब्जे में ले लिया है। शव की पहचान कल्पना कुमारी पत्नी जयसिंह के रूप में हुई है, जो ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट में कार्यरत थी।
शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया। एसडीएम निशांत तोमर ने बताया कि नोगली में एक शव मिला है। अभी तक रामपुर आसपास व सुन्नी में मिले शवों की संख्या 15 हो गई है लेकिन केवल 4 शवों की ही अभी तक पहचान हो पाई है।
Pls read:Himachal: कंगना रनौत ने विनेश फोगाट का हौसला बढ़ाया, पहले कसा था तंज