नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन (सर्वोच्च न्यायालय और संवैधानिक न्यायालयों के प्रमुखों की बैठक) को संबोधित करते हुए कहा कि न्यायाधीश न तो राजकुमार हैं और न ही संप्रभु, बल्कि सेवा करने वाले पदाधिकारी हैं।
सीजेआई ने कहा, “हम सार्वजनिक पद पर बैठे पदाधिकारी हैं। हमारा काम लोगों की सेवा करना है।“ उन्होंने कोरोना महामारी के बाद सुप्रीम कोर्ट के कामकाज में आई बदलावों का भी उल्लेख किया, जिसमें कोर्ट की पारदर्शिता में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सही और सटीक जानकारी प्रदान करके हम फेक न्यूज से निपटने में सक्षम हैं।
इस जी20 शिखर सम्मेलन में सामाजिक न्याय, पर्यावरणीय स्थिरता और बेहतर न्यायिक दक्षता के लिए प्रौद्योगिकी के एकीकरण जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
सुप्रीम कोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का योगदान:
सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कई बार वकीलों के माध्यम से कोर्ट की सही जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच पाती है, लेकिन आज के समय में कानूनी पत्रकारों का एक मजबूत नेटवर्क है जो कार्यवाही की लाइव–रिपोर्टिंग करते हैं और दुष्प्रचार को दूर करने में मदद करते हैं।
उन्होंने कहा कि कोर्ट अपने निर्णयों के लिए एसयूवीएएस (सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर) का उपयोग कर रहा है, जो एक मशीन लर्निंग और एआई–सक्षम अनुवाद उपकरण है। अब तक 16 क्षेत्रीय भाषाओं में 36,000 से अधिक मामलों का अनुवाद किया जा चुका है। साथ ही, महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग और यूट्यूब रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध हैं जो संपूर्ण संदर्भ प्रदान करती हैं।