चिंतपूर्णी। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में मंगलवार को बधमाणा व सिद्ध चलेहड़ का जंगल धू-धू कर जल रहा है। डंगोह की शामलात भूमि में भी आग ने भयंकर रूप धारण कर रखा था। चिंतपूर्णी क्षेत्र के जंगलों में लगी भीषण बेकाबू हो रही है।
मंगलवार दोपहर बाद साढ़े 12 बजे बधमाणा के सरकारी जंगल में आग से इतना धुंआ फैल गया कि सामने कुछ दिख तक नहीं रहा था। दो दिन पूर्व भी आग लगी थी और विभाग व युवाओं के सहयोग से बुझाया गया था। मंगलवार शाम तक इस जंगल के कई हेक्टेयर क्षेत्र में तिनका-तिनका राख हो चुका था और आग नियंत्रण में नहीं आई थी।
जंगल में आग बुझाने के लिए पुरानी तकनीक से ही वन विभाग इस पर नियंत्रण करता है। एयर ब्लोअर और लीफ ब्लोअर जैसे आधुनिक यंत्र अभी तक विभाग के पास उपलब्ध नहीं हैं। बावजूद विषम भौगोलिक परिस्थितियों में परंपरागत साधनों से ही वन कर्मी व ग्रामीण आग को बुझाते रहे हैं और निश्चित है कि यही विधि अबकी बार भी फायर सीजन में भी काम आ रही है। वन विभाग के कर्मी आग को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कांउटर फायर (छेका) विधि को भी अपनाते हैं। हरे पेड़ों के पत्तों व टहनियों से जल रही घास को बुझाया जाता है।