चंडीगढ़, 26 जुलाई 2024 – पंजाब सरकार ने कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं और 4044 करोड़ रुपये के जाली लेनदेन का भंडाफोड़ किया है।
मुख्य बातें:
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वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि 303 फर्मों द्वारा 4044 करोड़ रुपये के लोहे की जाली बिक्री-खरीद की गई थी।
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इनमें से 11 फर्में पंजाब से, 86 फर्में अन्य राज्यों से और 206 फर्में केंद्र सरकार के पास पंजीकृत हैं।
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केंद्र और पंजाब के पास पंजीकृत 217 फर्मों के पास 89.7 करोड़ रुपए का आईटीसी बकाया था, जिसे केंद्र और राज्य सरकार ने रोक दिया है।
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राज्य के कर विभाग ने सभी 11 फर्मों के खिलाफ कार्रवाई कर उनकी पंजीकरण रद्द या निलंबित कर दी है और कानून के अनुसार कार्रवाई जारी है। बाकी 206 फर्मों की सूची केंद्र सरकार के संबंधित अधिकारियों को दे दी गई है।
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वित्त मंत्री ने अन्य व्यक्तियों के नाम पर पंजीकरण करवा कर फर्जी बिलिंग करने वाली 68 फर्मों के मामलों के बारे में भी जानकारी दी।
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विभाग द्वारा 5 व्यक्तियों की पहचान कर उनके खिलाफ लुधियाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
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इस मामले में 533 करोड़ रुपए की जाली बिलिंग पाई गई है, जिसके कारण करीब 100 करोड़ रुपए की जाली आईटीसी का दावा है।
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पंजाब कर विभाग राज्य में जीएसटी पंजीकरण को ‘आधार’ आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणिकता के साथ जोड़ा जा रहा है ताकि दूसरों के नाम पर पंजीकरण करवाने वाले व्यक्तियों की पहचान की जा सके।
पंजाब सरकार द्वारा कर चोरी पर लगाए गए शिकंजे से जीएसटी संग्रह में 13 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर को सुनिश्चित करने में सफलता मिली है।
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