देहरादून, 27 जुलाई 2024 – उत्तराखण्ड क्रांति दल (उक्रांद) ने अधिवक्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी को गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर करने की कार्रवाई का विरोध किया है।
मुख्य बातें:
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उक्रांद के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन डीएम सोनिका को सौंपा। ज्ञापन में विकेश नेगी पर लगे मुकदमे वापस लेने की मांग की गई।
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उक्रांद का कहना है कि विकेश नेगी सरकार के विभागों, मंत्रियों, मेयर से लेकर सभासदों के घोटालों को उजागर कर रहे हैं। सरकार भ्रष्टाचार के मामलों के उजागर होने से चेतने के बजाय विकेश नेगी के ऊपर कूटरचित गैर कानूनी कार्यवाही कर रही है और उनकों जिला बदर तक किया जा रहा है।
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उक्रांद ने कहा कि बड़े लोगों के इशारे पर विकेश नेगी के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कर जिला बदर कर दिया गया है।
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ज्ञापन में कहा गया है कि एडवोकेट विकेश नेगी ने लोक सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जमीन घोटाले, मंत्रियों, मेयर से लेकर पार्षदों तक की गड़बड़ी व अन्य मामले उजागर किये।
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उक्रांद ने कहा कि काशीपुर के एक युवा पर मजाकिया मीम बनाने पर राजद्रोह के अतिरिक्त कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और अंकिता भण्डारी मामले में पैरवी करने वाले आशुतोष नेगी का भी दर्जनों फर्जी मुकदमे लगा दिए गए हैं।
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युवाओं और बेरोजगारों की जंग लड़ने वाले बॉबी पंवार व आशीष नेगी पर भी फर्जी मुकदमे दर्ज कर आवाज दबाई जा रही है।
उक्रांद ने विकेश नेगी को जिला बदर करने के फैसले को निंदनीय बताया है और सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।